Maratha Reservation Protest: ‘परिणाम के लिए सरकार जिम्मेदार होगी’, मनोज जारंगे ने दिया सीएम शिंदे को 24 घंटे का अल्टीमेटम
Maratha Reservation Protest : महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर हिंसा भड़क उठी है। मराठा आरक्षण आंदोलन के हिंसक हो जाने के बाद कुछ इलाके की इंटरनेट और बस सेवाएं बंद कर दी गई हैं। हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसी बीच मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को अल्टीमेटम दिया है
अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि ‘आपके पास मंगलवार की रात और बुधवार तक का समय है। इसके बाद मैं पानी पीना बंद कर दूंगा।’जरांगे ने कहा कि अगर कोटा नहीं दिया गया तो परिणाम के लिए सरकार जिम्मेदार होगी। मनोज जारंगे ने आगे कहा कि ‘हमें आधा आरक्षण नहीं चाहिए। हम पूरा आरक्षण चाहते हैं जो अदालत की कसौटी पर खरा उतरे।
जारी किए प्रमाण पत्र
इसके लिए, महाराष्ट्र विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाएं, और अब समय आ गया है कि आप आवश्यक कार्रवाई करें। मैं इस मुद्दे के लिए लड़ते हुए मरने को भी तैयार हूं।’बता दें, हिंसक आरक्षण विरोध प्रदर्शनों के बाद शिंदे सरकार ने स्वतंत्रता-पूर्व निज़ाम युग के दौरान कुनबी उप-जाति के हिस्से के रूप में दर्ज लोगों के वंशजों को प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। सीएम एकनाथ शिंदे के इस कदम का उद्देश्य हिंसक आरक्षण विरोध प्रदर्शन के बाद मराठा समुदाय को शांत करना है।
मंगलवार को भी जारी रहा प्रदर्शन
बता दें, मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का हिंसक प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा। मंगलवार को दोपहर बाद प्रदर्शनकारियों ने करीब दो घंटे तक मुंबई-बेंगलुरू हाईवे पर धरना दिया जिसके चलते हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ट्रैफिक को दूसरे रास्तों की तरफ डायवर्ट करना पड़ा। उधर, शोलापुर में भी मराठा क्रांति मोर्चा के सदस्यों ने रेलवे ट्रैक पर धरना दिया। रेलवे ट्रैक पर जलते हुए टायर रख दिए और भगवा झंडे गाड़ दिए गए। जिसके चलते ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित रही।
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