22 दिनों के लंबे इंतजार के बाद श्रद्धालुओं को आया मां का बुलावा, वैष्णो देवी यात्रा फिर से शुरू होने पर भक्तों में उत्साह

Vaishno Devi Yatra 2025: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित त्रिकुटा पहाड़ियों पर बसी मां वैष्णो देवी की पवित्र गुफा यात्रा 17 सितंबर को फिर से शुरू हो गई है। लगभग 22 दिनों के लंबे सस्पेंशन के बाद यह खबर श्रद्धालुओं के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 26 अगस्त से बंद पड़ी इस यात्रा का फिर से प्रारंभ होना न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि आने वाले नवरात्रि (22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक) के लिए भी एक सुखद संकेत है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने मौसम की अनुकूल स्थिति के अधीन यात्रा को हरी झंडी दी है, जिसके बाद कटरा बेस कैंप पर जय माता दी के नारों से गूंज उठा।
भूस्खलन की त्रासदी ने रोकी वैष्णो देवी यात्रा
बता दें, 26 अगस्त को 26 अगस्त 2025 को अर्धकुंवारी क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से एक भयानक भूस्खलन ने यात्रा मार्ग को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। जानकारी के अनुसार, इस हादसे में 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि 20 से ज्यादा घायल हुए थे। यह घटना यात्रा शुरू होने के ठीक कुछ घंटों पहले हुई, जिसके बाद सुरक्षा कारणों से SMVDSB ने तत्काल यात्रा को निलंबित कर दिया। इसके बाद लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने स्थिति को और जटिल बना दिया, जिससे मार्ग की मरम्मत में देरी हुई। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कई जगह भूस्खलन और सड़क क्षति के कारण यातायात बाधित रहा।
इस आपदा के कारण स्थानीय व्यापारियों और यात्रा पर निर्भर अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान हुआ। कटरा में ठहरे हजारों श्रद्धालु निराश हो चुके थे और कुछ ने तो विरोध प्रदर्शन भी किए। 15 सितंबर को कटरा बेस कैंप पर एक समूह ने यात्रा बहाली की मांग को लेकर धरना दिया। साथ ही, सुरक्षा घेराबंदी तोड़ने की कोशिश भी की। बोर्ड ने 14 सितंबर को बहाली की घोषणा की थी, लेकिन खराब मौसम के चलते इसे 17 सितंबर तक टाल दिया गया। जिसके बाद आज से वैष्णो देवी यात्रा शुरु हो चुकी है।
श्रद्धालुओं में उत्साह की लहर
17 सितंबर की सुबह बांगंगा दर्शन गेट पर सैकड़ों श्रद्धालु जमा हो गए। जय माता दी के उद्घोषों के बीच पंजीकरण काउंटरों पर लंबी-लंबी कतारें लग गईं। कटरा पहुंचे तीर्थयात्रियों में खुशी की कोई सीमा नहीं है। महाराष्ट्र से आई एक महिला श्रद्धालु ने कहा 'हम पुणे से दो दिन पहले पहुंचे थे। इंतजार मुश्किल था, लेकिन हमें यकीन था कि दर्शन हो जाएगा। यह बहाली हमारे लिए विशेष दिन है।' वहीं, आंध्र प्रदेश से हर्षल नामक एक यात्री ने बताया 'तीन दिनों से रुके थे। कल ही आंधमान लौटने का टिकट कैंसिल किया। यात्रा शुरू होने पर खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं।' एक अन्य श्रद्धालु ने हंसते हुए कहा 'मां थोड़ी नाराज थीं, लेकिन हमें पता था कि वह हमें दर्शन जरूर देंगी।'
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