Paper Leak पर बवाल के बाद एक्शन में आया शिक्षा मंत्रालय, पूर्व ISRO चीफ समेत 7 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी का किया गठन
Paper Leak Case: देशभर में पेपर लीक को लेकर मचे बवाल के बाद अब शिक्षा मंत्रालय एक्शन में आ गया है। शिक्षा विभाग ने एनटीए की निगरानी और पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। NET-UGC और NEET-UG पेपर लीक बवाल के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दो दिन पहले इसकी घोषणा की थी। विशेषज्ञों की इस समिति को परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। सात सदस्यों की इस समिति में पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. के. राधाकृष्णन को अध्यक्ष बनाया गया है।
इस समिति को परीक्षा प्रक्रिया की प्रणाली में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में संशोधन और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली के संबंध में सिफारिशें करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सरकार ने इस कमेटी को 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। समिति के अन्य सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं।
1- डॉ. रणदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली
2- प्रो. बी जे राव, कुलपति, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद
3- प्रो. राममूर्ति के, प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास
4- पंकज बंसल, को-फाउंडर पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत
5- प्रो.आदित्य मित्तल, डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली
6- गोविंद जयसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय
उच्च स्तरीय समिति के अन्य प्रमुख कार्य
- परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण, प्रणाली में सुधार, किसी भी संभावित समस्या को रोकने के उपाय।
- एनटीए की प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा, हर स्तर पर नियमों का पालन, निगरानी तंत्र को मजबूत करना, प्रोटोकॉल को मजबूत करने के उपाय।
- डेटा सुरक्षा में सुधार, मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं और एनटीए के प्रोटोकॉल का मूल्यांकन, सुधार के उपायों पर सिफारिशें।
- पेपर-सेटिंग से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच, परीक्षाओं की प्रक्रिया, सिस्टम की मजबूती बढ़ाने के लिए सिफारिशें।
- राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संरचना और कार्यप्रणाली।
इस समिति की जिम्मेदारी एनटीए की संगठनात्मक संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करना और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना होगा। साथ ही, एनटीए के मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र का आकलन करना होगा ताकि सुधार के क्षेत्रों की पहचान की जा सके। कमेटी को 2 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपनी होगी। हालाँकि, समिति को अपनी सहायता के लिए विशेषज्ञों की मदद लेने की अनुमति दी गई है।
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