UNGA में एस जय शंकर की दू टूक, बोले-'वो दिन बीत गए जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे'

S Jaishankar Speech At UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन की शुरुआत 'भारत की ओर से नमस्ते' कहकर की। उन्होंने कहा, "नमस्ते फ्रॉम भारत (हेलो फ्रॉम इंडिया)।" इसके बाद तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।
UNGA में जयशंकर ने कहा कि यूएनएससी में बदलाव जरूरी है। उन्होंने कहा कि कूटनीति और बातचीत से ही दुनिया में तनाव कम किया जा सकता है।
'भारत जिम्मेदारी महसूस करता है'
अपने संबोधन के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ''भारत अपनी जिम्मेदारी महसूस करता है।'' दुनिया की वित्तीय संस्थाओं में बदलाव होना चाहिए। UNSC में बदलाव होना चाहिए। दुनिया उथल-पुथल के दौर का सामना कर रही है। कूटनीति और बातचीत से ही तनाव कम हो सकता है। दुनिया से भूख और गरीबी को मिटाना है। दुनिया में कई जगहों पर संघर्ष चल रहा है। दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती है।'' उन्होंने कहा, ''हाल ही में भारत में G-20शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ। विश्व के सामने विकास की चुनौती है। भारत हर काम पहले कर रहा है।
'वे दिन गए जब कुछ राष्ट्र..'
विदेश मंत्री ने कहा, “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का भारत का दृष्टिकोण कई देशों की मूल चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है, न कि केवल कुछ देशों के संकीर्ण हितों पर। वे दिन गए जब कुछ राष्ट्र एजेंडा तय करते थे और दूसरों से अपेक्षा करते थे कि वे उनके विचारों को स्वीकार करें। उन्होंने कहा, "अभी भी कुछ राष्ट्र हैं जो एजेंडा को आकार देते हैं और मानदंडों को परिभाषित करना चाहते हैं।" यह अनिश्चित काल तक जारी नहीं रह सकता।
उन्होंने कहा, "G-20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने से संयुक्त राष्ट्र को सुरक्षा परिषद के आधुनिकीकरण के लिए भी प्रेरणा मिलनी चाहिए।" उन्होंने कहा, "गुटनिरपेक्षता के युग से बाहर आकर अब हमने 'विश्व मित्र' की अवधारणा विकसित की है।" यह है?
'भारत की पहल पर अफ्रीकी संघ G20 में'
विदेश मंत्री ने कहा, ''भारत की पहल के कारण अफ्रीकी संघ को G-20में स्थायी सदस्यता मिल गयी है।'' ऐसा करके हमने पूरे महाद्वीप को एक आवाज दी, जिसका वह लंबे समय से हकदार था। इस महत्वपूर्ण कदम से संयुक्त राष्ट्र, जो कि एक और भी पुराना संगठन है, को सुरक्षा परिषद को आधुनिक बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
जयशंकर ने कहा, ''हमें अपनी सफलता के साथ विश्वास बहाल करना होगा।'' कोविड का दुनिया पर अलग प्रभाव पड़ा है। विश्व के सामने सतत विकास की चुनौती है। दुनिया में असमानता है। विकासशील देशों पर अधिक दबाव है।
चीन और पाकिस्तान पर निशाना
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने भाषण के दौरान परोक्ष रूप से चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "बाजार की ताकत का इस्तेमाल जरूरतमंदों से भोजन और ऊर्जा को अमीरों की ओर मोड़ने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, न ही हमें इस बात का समर्थन करना चाहिए कि राजनीतिक सुविधा आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा प्रतिक्रियाओं को निर्देशित करती है।" इसी तरह, क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के रूप में चेरी-पिकिंग का अभ्यास नहीं किया जा सकता है। जब वास्तविकता बयानबाजी से दूर हो जाती है, तो हमें इसे उजागर करने का साहस रखना चाहिए।"
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