‘मिलावटी 76 हजार किलो खाद्य पदार्थ जब्त, 59 हजार किलो सामग्री नष्ट’ सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में चलाया गया अभियान

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में मिलावट पर प्रभावी रोकथाम लगाकर आमजन को शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की दिशा में व्यापक स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, आमजन को स्वस्थ खान-पान एवं स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु ‘ईट राइट राजस्थान’ और ‘निरामय राजस्थान’ जैसे नवाचारों पर फोकस किया जा रहा है। इसी कड़ी में खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय द्वारा त्योहारी सीजन को देखते हुए ‘सिर्फ रोशनी ही नहीं, बल्कि प्रत्येक थाली भी हो सुरक्षित‘ थीम पर मिलावट के विरुद्ध व्यापक अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान के तहत अब तक 76हजार किलोग्राम से अधिक संदिग्ध या मिलावटी खाद्य पदार्थ जब्त किए गए हैं एवं 58हजार किलोग्राम से अधिक खाद्य सामग्री को नष्ट किया गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय की ओर से दीपावली के त्योहार को देखते हुए खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विशेष अभियान संचालित किया गया है। इस दौरान मिठाई, घी, तेल, मावा, डेयरी उत्पाद और खाद्य रंग सहित अन्य खाद्य पदार्थों के साथ ही कच्चे माल के निर्माता और आपूर्तिकर्ताओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
अब तक 2हजार 835निरीक्षण और 2हजार 556प्रवर्तन जांच
राठौड़ ने बताया कि अभियान में 01सितंबर से अब तक कुल 2हजार 835निरीक्षण किए गए, जिनमें 2हजार 556प्रवर्तन जांच शामिल हैं। साथ ही, 3हजार 520निगरानी नमूने दौरे भी किए गए हैं, जो उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि इन कार्रवाई का उद्देश्य ऐसे उत्पादकों, थोक विक्रेताओं और मिठाई निर्माताओं की पहचान करना था, जो दूध उत्पाद, खोया, खाद्य तेल या घी जैसे अधिक मांग वाले खाद्य पदार्थों में मिलावट करते हैं।
अभियान के तहत अब तक 76हजार 283किलोग्राम संदिग्ध या मिलावटी खाद्य पदार्थ जब्त किए गए हैं तथा 58हजार 780किलोग्राम मिलावटी खाद्य सामग्री को नष्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि यह अभियान विभाग की वार्षिक रोकथाम कार्ययोजना का हिस्सा था, जिसका मुख्य लक्ष्य त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को शुद्ध एवं सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है।
पिछले साल से ज्यादा कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 2024-25 के आंकड़ों से तुलना करें तो विभाग और अधिक सतर्कता के साथ कार्यवाही सुनिश्चित कर रहा है। पिछले वर्ष की अवधि में कुल 39हजार 245कार्रवाइयाँ (निरीक्षण, प्रवर्तन और निगरानी) की गईं, जिनमें एक लाख किलोग्राम से अधिक असुरक्षित खाद्य सामग्री नष्ट की गई और 6.18लाख किलोग्राम जब्त की गई थी। जबकि इस वित्तीय वर्ष 2025-26में अप्रैल से अगस्त माह तक ही 20हजार 503कार्रवाइयां दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें 57हजार 260किलोग्राम सामग्री नष्ट और 78हजार 463किलोग्राम जब्त की गई हैं।
घी, तेल, खोया और खाद्य रंग उत्पादन ईकाइयों पर विशेष फोकस
खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. टी. शुभमंगला ने बताया कि इस अभियान का विशेष ध्यान उन इकाइयों पर है, जो घी, तेल, खोया, खाद्य रंग और अन्य कच्चे माल का उत्पादन करती हैं, क्योंकि मिलावट का सबसे बड़ा जोखिम इन्हीं स्तरों पर होता है। अभियान के दौरान राज्य के सभी जिलों की टीमों ने सैंपल एकत्र किए हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के लाइसेंसों की जांच की और जहां आवश्यक पाया गया, वहां सुधार नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006के तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।
मिलावट की सूचना नियंत्रण कक्ष या एप पर दें
डॉ. टी. शुभमंगला ने बताया कि विभाग ने मिठाई निर्माताओं और खाद्य व्यवसाय संचालकों के लिए कार्यशालाएं और परामर्श सत्र भी आयोजित किए हैं, जिनमें स्वच्छता, भंडारण और असली कच्चे माल के उपयोग पर विशेष मार्गदर्शन दिया गया है। इसके अलावा विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध या अस्वच्छ खाद्य निर्माण या विक्रय गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। एफएसएसएआई फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप या स्थानीय नियंत्रण कक्ष के नंबरों के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
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