CM धामी ने पीएम मोदी की तारीफों के बांधे पूल, बोले- PM सहायता नहीं करते तो अभियान सफल नहीं होता
Uttarakhand Cm Dhami:उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी आज दिल्ली पहुंचे। जहां उन्होंने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए बताया कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन के चलते ही यह बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो सका। केन्द्र सरकार की ओर से भेजी गई विशेषज्ञ बचाव एजेंसियों की बदौलत हम श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाब हो सके। 17 दिन 41 जिंदगियों के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा था।
PM सहायता नहीं करते तो अभियान सफल नहीं होता- धामी
सीएम धामी ने कहा कि सिल्क्यारा सुरंग मामले में प्रधानमंत्री अगर पर्याप्त संसाधन और मानवीय सहायता प्रदान नहीं करते तो यह अभियान सफल नहीं हो पाता। 12 नवम्बर की सुबह दीपावली की सुबह यह हादसा हुआ। उसी दिन शाम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने फोन करके मुझसे घटना की पूरी जानकारी ली। सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को किसी भी कीमत में सकुशल बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता थी। उनकी प्रेरणा से राज्य सरकार मजबूती के साथ बचाव अभियान में जुटी। बचाव में लगी टीमों का मनोबल बढ़ा।
धामी ने पीएम मोदी की तारीफों के बांधे पूल
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हमे आश्वस्त किया कि आप मोर्चे पर डटें रहें, मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में संसाधनों और विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं रहेगी। शुरू से लेकर अंत तक प्रधानमंत्री ने मार्गदर्शन किया और पल-पल की जानकारी लेते रहे। उन्होंने सिलक्यारा सुरंग से सकुशल बाहर निकाले गए श्रमिकों से फोन पर बातचीत कर उनके स्वास्थ्य और कुशलक्षेम की जानकारी ली और इनका हौसला भी बढ़ाया। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि सुरंग से निकालने के बाद श्रमिकों के स्वास्थ्य देखभाल, घर छोड़ने व परिजनों आदि के लिए क्या व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रमिकों और उनके परिजनों को घर तक छोड़ने की व्यवस्था भी की जाए।
पीएम ने विदेश में रह रहे लोगों को कभी बेसहारा नहीं छोड़ा- धामी
धामी ने कहा कि केंद्र में मोदी जी के नेतृत्व में सरकार आने के बाद एक बड़ी तब्दीली ये आई है कि देश और दुनिया में कहीं भी संकट आया हो, भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। मोदी सरकार ने मुसीबत में आ गए विदेश में रह रहे लोगों को कभी बेसहारा नहीं छोड़ा। ऐसा पहले की सरकारों में नहीं हुआ करता था। ये बड़ा बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सत्ता संभालने के बाद आया है। यही विश्वास सुरंग में फंसे मजदूरों को और उनके परिजनों को था कि प्रधानमंत्री जी हर संसाधन उपलब्ध कराकर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालेंगे।
उन्होंने कहा कि देश जानता है कि वह पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने श्रमिकों को उच्च कोटि का सम्मान केवल शब्दों से ही नहीं दिया है व्यवहार में भी दिखाया है। वह काशी में मजदूरों के चरण धोते हैं। नई संसद के उद्घाटन में श्रमिकों के साथ भागीदारी करते हैं उनसे संवाद करते हैं। श्रमिकों पर पुष्प वर्षा करते हुए देश ने पहली बार किसी प्रधानमंत्री को देखा है। यह प्रधानमंत्री जी का ही मानस है कि उन्होंने दिल्ली में बहुउद्देशीय विश्वकर्मा भवन के निर्माण के द्वारा श्रमिकों के प्रति अपने अगाध सम्मान को प्रदर्शित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नीति का ही नतीजा है कि भारत ने न सिर्फ संकटकाल में अपने नागरिकों को बचाया है बल्कि जल, थल, नभ में सफल अभियान चलाकर कई विदेशी नागरिकों के जीवन की भी रक्षा कर दुनिया के सामने मानवता और जबरदस्त टीम वर्क के कई उदाहरण पेश किए हैं।
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