मणिपुर में थम नहीं रही हिंसा, SSP राकेश बलवाल ने संभाली कमान, जानें ग्राउंड पर कैसे हैं हालात?

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इस हिंसा को भड़के 150 दिनों से ज्यादा हो चुके है।इस बीच, श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राकेश बलवाल को मणिपुर कैडर में वापस भेज दिया गया है। वे इस तरह की स्थिता और आतंकवादी मामलों से निपटने में विशेषज्ञ माना जाते है। राकेश बलवाल को दिसंबर 2021 में अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) कैडर में भेजा गया था।
अब उन्हें मणिपुर में नई पोस्टिंग दी जाएगी, जहां इस साल मई से मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं और राज्य में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हाल ही में 2 छात्रों के शव की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तनाव और बढ़ गया। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।
श्रीनगर के SSPका पद संभाला
गौरतलब है कि राकेश ने उस समय श्रीनगर के SSPका पद संभाला था जब शहर में अल्पसंख्यकों की हत्या और पुलिसकर्मियों पर हमलों सहित कई आतंकवादी गतिविधियां देखी जा रही थीं। कार्यभार संभालने के बाद, बलवाल ने शहर के भीतर कानून व्यवस्था में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया। ध्यान केंद्रित किया और सुनिश्चित किया कि यहां से कोई आतंकवादी न हो और अल्पसंख्यकों या सुरक्षा बलों पर कोई हमला न हो।
राकेश के कार्यकाल में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
उनके कार्यकाल के दौरान ही तीन दशकों के बाद श्रीनगर की सड़कों पर मुहर्रम जुलूस निकालने की इजाजत दी गई और इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। उनके कार्यकाल के दौरान ही G20 के पर्यटन कार्य समूह की मेजबानी जैसे कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किए गए थे।
स्टूडेंट्स की हत्या के बाद हिंसा भड़की
मणिपुर में दो लापता छात्रों की हत्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हालात फिर बिगड़ गए हैं। इस घटना को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच 27 सितंबर को थौबल जिले में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी थी।
आपको बता दें कि, 20 साल के फ़िज़ाम हेमजीत और 17 साल के हिज़ाम लिनथोइनगांबी नाम के दो छात्र जुलाई से लापता थे। जब राज्य में इंटरनेट शुरू हुआ तो कथित घटना की दो तस्वीरें सामने आईं। पहली तस्वीर में दोनों बच्चे किसी जंगल में बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में बंदूक लिए दो आदमी भी नजर आ रहे हैं।
दूसरी तस्वीर में दोनों बच्चों के शव जंगल में जमीन पर पड़े नजर आ रहे हैं। दोनों तस्वीरें विचलित करने वाली हैं इसलिए हम उन्हें नहीं दिखा सकते। इस घटना के बाद जनता गुस्से में है। सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध इतना जोरदार था कि प्रदर्शनकारियों की रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) से झड़प हो गई। दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर थी।
दूसरी ओर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य और केंद्र सरकारें अपराधियों को पकड़ने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। खबर है कि केस को सीबीआई को सौंप दिया गया है। उनकी एक टीम इंफाल भी पहुंच चुकी है। राज्य सरकार ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
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