Uttarkashi Rescue: सिलक्यारा पहुंचे PM मोदी के प्रधान सचिव, फंसे मजदूरों से की फोन पर बात

Uttarkashi Rescue: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को 2 सप्ताह से उपर हो चुके है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन का सोलहंवा दिन है। अब तक 36 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। कुल 86 मीटर ड्रिलिंग होनी है यानी 50 मीटर अभी बाकी है। कुछ देर पहले केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने पहुंचे।
पीके मिश्रा ने टनल में फंसे मजदूरों से फोन पर बात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने आंतरिक संचार तंत्र के कर्मियों से अंदर की स्थिति की जानकारी ली और सभी के स्वास्थ्य के बारे में भी पूछा। उन्होंने मजदूरों को आश्वासन दिया कि जल्द ही उन्हें सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा। इन सबके बीच बड़ी खबर ये है कि चूहा खनन करने वालों की एक टीम मैनुअल ड्रिलिंग भी करने जा रही है। यह सिल्क्यारा छोर से होने वाली क्षैतिज ड्रिलिंग का हिस्सा है। यहां 47 मीटर पाइप बिछाया गया है। इसके बाद आज सुबह तक फंसी ऑगर मशीन को बाहर निकाला गया।
रैट माइनर की टीम जाएगी अंदर
अब रैट माइनर टीम अंदर जाकर मैनुअल ड्रिलिंग करेगी। कुछ देर बाद चूहे खनिक पाइप के सहारे सुरंग के अंदर पहुंचेंगे और फंसे हुए मजदूरों के लिए रास्ता बनाने की कोशिश करेंगे। सिल्कयारा में बचाव कार्य में शामिल माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि मैनुअल ड्रिलिंग इस बात पर निर्भर करेगी कि अंदर कौन सी बाधाएं आती हैं और जमीन कैसे प्रतिक्रिया करती है। कुछ देर बाद चूहे खनिक पाइप के सहारे सुरंग में प्रवेश करेंगे। उन्हें ऐसी आपदाओं के समय का विशेषज्ञ माना जाता है।
सबसे तेजी से आगे बढ़ रही मजदूरों को बचाने की योजना पहाड़ के ऊपर से गड्ढा खोदकर मजदूरों को बचाने की है। 24 घंटे के अंदर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने पहाड़ को 36 मीटर तक ध्वस्त कर दिया। आज ही यह दायरा बढ़कर 45 मीटर हो जाएगा। इसके बाद दूसरी मशीन काम करेगी।
लगातार भेजी जा रही है खाद्य सामग्री
सरकार ने कहा कि दूसरी जीवन रेखा (150 मिमी व्यास) सेवा का उपयोग करके, श्रमिकों के लिए नियमित अंतराल पर ताजा पका हुआ भोजन और ताजे फल सुरंग के अंदर डाले जा रहे हैं। इस जीवन रेखा में संतरा, सेब, केला आदि फलों के साथ-साथ औषधियों एवं लवणों की नियमित अंतराल पर पर्याप्त आपूर्ति की गई है। भविष्य के स्टॉक के लिए अतिरिक्त सूखा भोजन भी ले जाया जा रहा है। संचार के लिए एसडीआरएफ द्वारा विकसित तार कनेक्टिविटी के साथ एक संशोधित संचार प्रणाली का नियमित रूप से उपयोग किया जा रहा है। अंदर मौजूद लोगों ने कहा है कि वे सुरक्षित हैं। वहीं, श्रमिकों को भंडारण के लिए 10 दिनों के लिए पर्याप्त भोजन पैकेट भेजे गए हैं।
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