Manipur Violence: मणिपुर हिंसा का खालिस्तान कनेक्शन! कनाडा में कुकी नेता के भाषण से सुरक्षा एजेंसियां के कान हुए खड़े

Manipur Violence: कनाडा में मौजूद मणिपुर के कुकी-जो आदिवासी समूह के एक नेता ने उत्तर-पूर्वी राज्य में हो रही हिंसा पर भाषण दिया। इससे एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, अगस्त की शुरुआत में कनाडा के सरे शहर के उसी गुरुद्वारे में आयोजित एक कार्यक्रम में मणिपुर हिंसा पर भाषण दिया गया था, जिसका मुखिया खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर था। ऐसे में मणिपुर हिंसा और खालिस्तानी गतिविधियों के बीच संबंध की बात सामने आ रही है।
'नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन' (NAMTA) की कनाडाई प्रमुख लीन गैंगटे ने अपने भाषण में भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा की। उन्होंने कनाडा से हरसंभव मदद का भी अनुरोध किया। NAMTA ने 7 अगस्त को फेसबुक और ट्विटर पर वीडियो पोस्ट किए थे। हालांकि, खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगने के बाद जब भारत और कनाडा के बीच विवाद बढ़ने लगा तो इस संगठन ने धीरे-धीरे ये वीडियो डिलीट कर दिए।
लीन गैंगटे ने ऐसा क्या कहा जिससे बढ़ गया तनाव?
कुकी-जो जनजाति से आने वाले लीन गैंगटे ने मणिपुर और मीताई समुदाय में हो रही हिंसा को लेकर बयान दिया। गांगटे ने कहा, '4 मई को भीड़ ने मेरे घर पर हमला किया और मेरे पिता को मारने की कोशिश की। वह 80 साल के हैं। उन्होंने हमारा घर लूट लिया और आग लगा दी। मेरे बड़े भाई और उनके परिवार को घर से भागना पड़ा। मणिपुर 3 मई से जल रहा है। अब तक 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 7000 से ज्यादा घर लूटे और जलाये गये हैं।
गंगटे ने आगे कहा, 'घाटी में सैकड़ों चर्च जला दिए गए हैं और 200 गांव तबाह हो गए हैं। प्रशासन ने हिंसा रोकने के लिए कुछ नहीं किया। मणिपुर पुलिस ने उल्टे दंगाइयों को बढ़ावा दिया। हमें इम्फाल घाटी से क्रूरतापूर्वक बाहर निकाला गया, इसलिए हम इसे आदिवासी नरसंहार मानते हैं। उन्होंने सात साल के बच्चे, उसकी मां और एक रिश्तेदार को एंबुलेंस में जिंदा जला दिया। और फिर हमसे शांति और सामान्य स्थिति के बारे में बात करने के लिए कहा जाता है।
NAMTA नेता ने कहा, 'जब भारत में यह सब हो रहा था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहां थे। वह अमेरिका, फ्रांस, मिस्र गये, लेकिन जहां उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, वहां नहीं गये। गांगटे ने आगे कहा, 'भारत में कोई भी अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है। चाहे वो मुस्लिम हो, सिख हो या ईसाई। हम भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा करते हैं। हम कनाडा से हर संभव सहायता प्रदान करने का अनुरोध करते हैं।
मणिपुर हिंसा का खालिस्तान कनेक्शन देखने के बाद चिंता बढ़ गई है
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खुफिया एजेंसियां NAMTA की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। इसके अलावा कुकी-जो ग्रुप के कथित खालिस्तानी लिंक पर भी नजर रखी जा रही है। लीन गैंगटे के भाषण के बाद NAMTA सदस्यों और खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर के समर्थकों के बीच एक बैठक हुई। इस बैठक के चलते सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। मणिपुर सरकार ने भी NAMTA के सोशल मीडिया पोस्ट की निगरानी शुरू कर दी है।
मणिपुर के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने NAMTA का वीडियो देखा है। यह काफी चिंताजनक है, लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि मणिपुर के हालात को ध्यान में रखते हुए हमारी खुफिया एजेंसियां इस पर नजर बनाए हुए हैं।' हम वर्तमान में सामान्य स्थिति और शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। शुरुआत में इस वीडियो को ज्यादा तवज्जो नहीं मिली, लेकिन निज्जर मामले से उठे विवाद के बाद हिंसा और खालिस्तान कनेक्शन पर चर्चा शुरू हो गई है।
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