बारिश और बाढ़ ने तोड़ी किसानों की कमर, कई एकड़ में उगाई गई फसल हुई बर्बाद

HARYANA: सोनीपत जिले में बारिश और बाढ़ के पानी ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। जहां किसान तैयार हुई फसल की बर्बादी का दंश झेल रहे हैं तो वहीं कुछ किसानों द्वारा आगामी फसल के लिए तैयार की हुई भूमि पानी में बहने से खराब हो गई है। इतना ही नहीं काफी किसानों के खेत में भरा हुआ जल उसे आगामी फसल न लगाने के लिए भी मजबूर कर रहा है।
ऐसे में सोनीपत जिले में प्रति एकड़ बागवानी में किसानों को 80 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है और जिले में कुल बागवानी क्षेत्र में करोड़ों रुपए का नुकसान जा पहुंचा है। खराब हुई सब्जियों की फसल का असर रिटेलर पर भी पड़ रहा है। सब्जी के दाम आसमां को छू रहे हैं। किराए की जमीन लेकर खेती करने वाला किसान कर्ज और चिंता में डूबा हुआ है।
बात करें यमुना नदी की तो यमुना नदी के कहर से राई, मुरथल और गन्नौर में सब्जियां 80 से 100 फीसदी बर्बाद हो गई है। वहीं काफी खेतों में अभी भी पानी खड़ा हुआ है। सोनीपत जिले में लगभग 25000 क्षेत्र में बागवानी की खेती होती है। जिसमें लगभग 15000 क्षेत्र में सब्जियां, लगभग 4000 क्षेत्र में फल व 500 एकड़ में फूल की खेती होती है।
लगातार होने वाली बारिश और यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति से राई, मुरथल और गन्नौर में फसलें डूब गई। गौरतलब है कि यमुना नदी के पानी में करेला, तोरी, टमाटर, भिंडी, बैंगन, गोभी , मिर्ची ,खीरा,धनिया,पालक समेत देश और विदेश में सप्लाई होने वाली महंगी सब्जियां भी चपेट में आ गई।
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