गाजा के नाम पर PAK में TLP का प्रदर्शन, सेना के साथ झड़प में 10 लोगों की मौत; दर्जनों पुलिसकर्मी घायल

TLP Protest: पाकिस्तान के पूर्वी प्रांत पंजाब में तहरीक-ए-लाब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थकों द्वारा आयोजित 'गाजा मार्च' तीन दिनों में हिंसक रूप ले चुका है। लाहौर और आसपास के इलाकों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों में कम से कम 10लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। जिनमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। यह घटना गाजा में इजरायल-हमास संघर्ष के खिलाफ एकजुटता दिखाने के नाम पर शुरू हुई थी, लेकिन अब यह पाकिस्तानी सरकार और सेना पर 'इस्लाम के साथ विश्वासघात' के आरोपों का रूप ले चुकी है।
कैसे शुरु हुआ विवाद?
दरअसल, यह विवाद 10अक्टूबर को लाहौर में शुरू हुआ, जब TLP के हजारों समर्थक अमेरिकी दूतावास के खिलाफ प्रदर्शन के लिए इस्लामाबाद की ओर मार्च करने निकले। TLP प्रमुख साद रिजवी ने शुक्रवार की नमाज के बाद मियां रोड पर मुख्यालय से इस मार्च का ऐलान किया। उनका दावा था कि यह मार्च गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में है, खासकर हालिया इजरायल-हमास युद्धविराम समझौते के खिलाफ, जिसे पाकिस्तान ने समर्थन दिया था। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे 'गाजा के साथ धोखा' बताते हुए सरकार और सेना पर इजरायल-अमेरिका के साथ गुप्त सौदे का आरोप लगाया, जिसमें पाकिस्तानी सैनिकों को हमास के खिलाफ तैनात करने की बात कही गई।
शुक्रवार को लाहौर के शाहदारा इलाके में पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर मार्च को रोका। प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की, तो पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। शुरुआती रिपोर्ट्स में दो प्रदर्शनकारियों की मौत और दर्जनों घायलों की खबर आई। TLP ने दावा किया कि पुलिस फायरिंग से तीन कार्यकर्ताओं की जान गई, जबकि पुलिस ने केवल एक मौत की पुष्टि की। कम से कम 15-40पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें एक SHO शामिल था। शहर के कई इलाके ठप हो गए, सड़कें जलाई गईं और वाहनों को नुकसान पहुंचा। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। TLP कार्यकर्ताओं पर 110गिरफ्तारियां हुईं, जिन्हें एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने 12दिन की रिमांड पर भेजा। सरकार ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने TLP नेतृत्व से अपील की कि कानून का सम्मान करें।
दर्जनों पुलिसकर्मी घायल, कई गंभीर। लाहौर में यातायात ठप, स्कूल-दुकानें बंद। अमेरिकी दूतावास ने चेतावनी जारी की, जबकि भारत और अन्य पड़ोसी देश नजर रखे हुए हैं। सूचना मंत्री अताउल्लाह तारर ने TLP पर 'मॉब ब्लैकमेल' का आरोप लगाया। सेना ने गुन्हशिप हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करने की अफवाहों को खारिज किया, लेकिन स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए।
TLP का इतिहास
बता दें, TLP एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जो पाकिस्तान के अपवित्रता कानून (ब्लास्फेमी लॉ) का कट्टर समर्थक है। 2017 में इसने इस्लामाबाद में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे, जो सेना के हस्तक्षेप के बाद ही समाप्त हुए। कई विश्लेषकों का मानना है कि TLP सेना का 'प्रॉक्सी' रहा है, जिसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को कमजोर करने के लिए किया जाता रहा – जैसे 2018 चुनावों में PML-N के खिलाफ। 2021 में भी TLP ने अफगानिस्तान सीमा पर हिंसक प्रदर्शन किए थे। इस बार का मार्च 'गाजा के नाम पर' है, लेकिन आलोचक इसे राजनीतिक अस्थिरता फैलाने की कोशिश बता रहे हैं।
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