करवा चौथ पर चांद के देर से निकलने का क्या है कारण, जानिए क्या कहता है साइंस?

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पूरे दिन बिना पानी या खाना खाए, मन में अपने पति के लिए प्यार और विश्वास रखकर उनके खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। इसके बाद रात को जब व्रत खोलने की बारी आती है तब चांद अन्य दिनों के मुकाबले देर से निकलता है। इस वजह से ये व्रत लंबा हो जाता है। आइए जानते हैं कि इस दिन चांद देरी से क्यों निकलता है?
देर से क्यों निकलता है चांद?
साइंस के हिसाब से दरअसल, चंद्रमा के उदय का समय खगोलीय यांत्रिकी द्वारा निर्धारित होता है। ये विज्ञान की माने तो आसमान में ग्रह, चांद और सूरज कैसे चलते हैं। साइंस के हिसाब से चांद और धरती अपनी-अपनी कक्षा में घूमते रहते हैं। धरती थोड़ी झुकी हुई है और हर जगह का स्थान भी अलग होता है। इन्हीं कारणों से चांद के निकलने का समय हर दिन थोड़ा-थोड़ा करके बदलता रहता है।
क्या कहता है साइंस?
साइंस का मानना है कि चांद हर दिन थोड़ा-थोड़ा करके आसमान में पूर्व दिशा की ओर बढ़ता है। यानी, वह हर रोज अपनी जगह से थोड़ा आगे खिसक जाता है। चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा पूर्व दिशा में करता है। रोज रात और हर दिन चंद्रमा को उस स्थिति तक पहुंचना पड़ता है जहां वह फिर से उदय होगा, जिससे आमतौर पर पिछली रात की तुलना में चंद्रोदय में देरी होती है। चंद्र हर रोज लगभग 50 मिनट देरी से निकलता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चांद हर रोज आसमान में करीब 13 डिग्री आगे बढ़ जाता है। इसलिए धरती को थोड़ा ज्यादा घूमना पड़ता है ताकि चांद फिर से दिखाई दे सके।
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