हंगरी जाने पर पुतिन हो सकते हैं गिरफ्तार, ICC वारंट को लेकर उठ रहे सवाल

Russia Ukraine Conflict: अलास्का में बातचीत असफल होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने को लेकर हंगरी में चर्चा करने वाले हैं। हालांकि, दोनों नेताओं की इस बैठक के लिए जगह के चुनाव ने ही चर्चा का विषय बना दिया है। सैद्धांतिक रूप से पुतिन को वॉर क्राइम का दोषी मानते हुए इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है।
इस वजह से हंगरी पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन इसकी संभावना कम बताई जा रही है। उससे पहले, क्रेमलिन को कई व्यावहारिक और कानूनी बाधाओं के साथ-साथ यूरोपीय संघ (EU) द्वारा लगाए गए रोक को पार करके पुतिन को बुडापेस्ट तक पहुंचाने का तरीका निकालना होगा।
क्यों निकाला गया वारंट?
इस मुद्दे के केंद्र में आईसीसी द्वारा 2023 में जारी किया गया वारंट है, जो कथित युद्ध अपराधों और युद्ध के दौरान यूक्रेनी बच्चों के अवैध निर्वासन के लिए पुतिन की गिरफ्तारी का आदेश देता है। वहीं, आईसीसी के पास गिरफ्तारी का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उसके पास कोई पुलिस बल या एजेंसी नहीं है। आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट को लागू करने के लिए यह मूल रूप से उसके सदस्य देशों के सहयोग पर निर्भर करता है।
पुतिन के लिए बढ़ सकता है खतरा
पुतिन अगर ट्रंप से मिलने के लिए हंगरी जाने को तैयार हो जाते हैं, तो लगभग चार साल पहले शुरू हुए युद्ध के बाद से ये किसी यूरोपीय संघ के देश की उनकी पहली यात्रा होगी। हालांकि, बुडापेस्ट जाना उनके लिए जोखिम भरा है। क्रेमलिन ने भी चुप्पी साध ली है और कहा है कि हंगरी बैठक से पहले अब भी कई सवालों का जवाब बाकी है। आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट के बाद से पुतिन ने अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को सीमित कर दिया है।
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