HARYANA NEWS:'घोटाले की बाप पार्टी है आप' केजरीवाल पर अनिल विज ने किया तीखा कटाक्ष

Anil Vij ON AAP: आम आदमी पार्टी के तीसरे मंत्री जेल की सलाखों के पीछे है और लगातार घोटाले उजागर हो रहे है जिसे लेकर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने आम आदमी पार्टी पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा की "घोटाले की बाप पार्टी है आप" ये पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का नारा देकर सत्ता में आई थी पर अब कंठ भ्रष्टाचार में डूब गई है। किसी भी पार्टी के बड़े नेता लगातार अगर भ्रष्टाचार के मामले में जा रहे है तो लोगो को सोच लेना चाहिए की ये पार्टी कोनसे गोल और टारगेट लेकर सत्ता में आई थी।
विज ने कहा की आप पार्टी लगातार आरोप लगाती है की उन्हें जबरदस्ती जेल में डाला जा रहा है लेकिन कोर्ट में आपका रिमांड दिया वो क्यों दिया कोर्ट आपकी बेल पिछले 7 -8 महीने से एप्लीकेशन रिजेक्ट कर रहा है क्या आपको देश की किसी भी व्यवस्था पर भरोसा नहीं है? वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल के देश में डर का माहौल वाले बयान का पलटवार करते हुए विज ने कहा कि महाघोटाले की बाप पार्टी आप के नेता अरविंद केजरीवाल है उन्हे पता है कि उन्होंने कौने कौने-से घोटाले किए है ऐसा कहकर वो ये जता रहे है की केंद्र में जो सरकार है वो एक भी घोटालेबाज को छोड़ेगी नहीं उन्होंने जो भी घोटाले किए है खुद ही बता दे इससे हमारा और उनका दोनों का समय बचेगा ।
महबूबा मुफ्ती का कहना है की 75 साल में कोई दूसरा गांधी नहीं बना, लेकिन बीजेपी के 10 साल के राज में कई गोडसे बन गए। जिसपर गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है की यह शब्द उस नेता के मुंह से आ रहे हैं उन्होंने न जाने कितने ही उग्रवादियों को पनहा दिया है , आजादी के बाद से श्रीनगर में कितने ही कत्ल हुए हैं आज वह लोग महात्मा गांधी और गोडसे की बात करते हैं जिन्होंने देश का अमन और चैन छीन रखा है।
सीएम गहलोत पर पलटवार
राजस्थान के मुख्यमंत्री सीएम गहलोत का कहना है की बिहार की तर्ज पर राजस्थान में भी जातिगत जनगणना की जाएगी जिस पर पलटवार करते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने कहा की देश को एकजुट करने के बजाए उसको अलग अलग हिस्सों में बांटने का तुत्सिक प्रयास है 70 साल के बाद हम सब भारतीय बनकर जीने चाहिए हम सब एक है विज ने सवाल करते हुए कहा की जो जातिगत सेंसेज करवाए जा रहे है इसकी प्रमाणिकता क्या है?
ये सब चुनावी खेल है- अनिल विज
उन्होंने कहा कि इसका मतलब तो ये हो गया की सरकार के हाथ में एक रजिस्टर आ गया जिसको चाहे वो जिस जाति में डाल दे। इसकी कोई प्रमाणिकता नहीं है और क्या सेंसेज में आ कर ही लोगों को लाभ मिलेगा। सैंकड़ों लोग कह रहे है उन्हे आज तक किसी ने पूछा नहीं ये सब चुनावी खेल है। जो भी पार्टियां इसकी तेरहवीं कर रही है उन्हे बताना चाहिए की जितने जितने साल वो सत्ता में रही है उन्होंने इन जातियों के लिए क्या किया है ।
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