आत्महत्या से पहले के वो अंतिम क्षण... वकीलों से हुई बात, IPS पूरन कुमार के कॉल रिकॉर्ड में मिलेंगे कई सवालों के जवाब!

IPS Puran Kumar: आत्महत्या से पहले के वो अंतिम क्षण... वकीलों से हुई बात। आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने आत्मदाह करने से पहले कुछ ऐसा किया जिससे उनकी मौत के केस को नया मोड़ दिया। पुलिस के सूत्रों के हवाले से आई जानकारी के अनुसार IPS पूरन कुमार ने अपनी मौत से पहले वकीलों से कॉल पर कुछ बातें की थीं। अब उनकी कॉल रिकॉर्ड पुलिस के हाथ लग गया है, जिससे उनके केस में बड़ा खुलासा हो सकता है।
IPS के गनर की गिरफ्तारी, रोहतक में दर्ज हुई FIR... आखिर क्या राज छिपे हैं पूरन सिंह के कॉल रिकॉर्ड में? इसी सवाल का जवाब ढूंढने में लगी है चंडीगढ़ पुलिस। दरअसल, पुलिस के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि पूरन कुमार और वकीलों के बीच क्या बातचीत हुई। क्या उन्होंने रोहतक में दर्ज हुई FIR पर अपने वकीलों से कुछ कहा या नहीं। बता दें कि रोहतक में मामला दर्ज होने के बाद आईपीएस पूरन कुमार के गनर सुशील को रोहतक पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
भ्रष्टाचार जांच में एएसआई की आत्महत्या
आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार के गनर को रिश्वत लेते हुए पकड़ने वाले सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) ने खुदकुशी कर ली है। गनर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था और उसने दावा किया था कि यह सब आईपीएस पूरन के निर्देश पर हुआ था। इस मामले की जांच एएसआई संदीप कुमार कर रहे थे। मंगलवार को संदीप ने आत्महत्या करने से पहले आईपीएस पूरन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड किया था। साथ ही, उन्होंने तीन पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा था, हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है। पुलिस के अनुसार, संदीप ने पूरन के सहयोगी और हेड कांस्टेबल सुशील कुमार की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आईपीएस पूरन की मौत और आरोप
पूरन कुमार, जो रोहतक जिले में महानिरीक्षक रह चुके थे, पिछले सप्ताह चंडीगढ़ स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे। उन्होंने एक कथित सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया समेत आठ अधिकारियों पर जाति-आधारित भेदभाव, जानबूझकर मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान के आरोप लगाए गए थे। सरकार ने डीजीपी को छुट्टी पर भेज दिया है, जबकि बिजारणिया का तबादला कर दिया गया है।
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