मिजोरम ने दिखाया शिक्षा का नया रास्ता, बना देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य

Mizoram A Fully Literate State: 20 मई को मिजोरम ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। दरअसल, मिजोरम ने भारत के पहले पूर्ण साक्षर राज्य का गौरव प्राप्त किया है। मिजोरम ने उल्लास (ULLAS - Understanding of Lifelong Learning for All in Society) और नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत 98.2% साक्षरता दर हासिल की। जो इसे पूर्ण साक्षरता के लिए निर्धारित 95% की न्यूनतम सीमा से कहीं अधिक है। इसकी घोषणा मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मिजोरम विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में की। इस समारोह में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी भी उपस्थित थे।
मिजोरम की साक्षरता यात्रा
2011 की जनगणना के अनुसार, मिजोरम की साक्षरता दर 91.33% थी, जो उस समय देश में तीसरे स्थान पर थी। दूसरे नंबर पर लक्षद्वीप था, जिसकी साक्षरता दर 92.28% थी। पहले स्थान पर केरल था, जिसकी साक्षरता दर 93.91% थी। इसके बाद मिजोरम सरकार ने नव भारत साक्षरता कार्यक्रम और समग्र शिक्षा योजना के तहत एक व्यापक साक्षरता अभियान शुरू किया। जिसके चलते 2023-24 में किए गए सर्वेक्षणों में 3,026 ऐसे निरक्षर व्यक्तियों की पहचान की गई, जिनमें से 1,692 लोगों ने सीखने की इच्छा जताई। इन लोगों को शिक्षित करने के लिए 292 स्वयंसेवी शिक्षकों ने अहम भूमिका निभाई, जिनमें छात्र, शिक्षक, और सामुदायिक नेता शामिल थे।
इसके बाद मिजोरम की स्कूल शिक्षा विभाग के तहत स्टेट सेंटर फॉर लिटरेसी (SCL) ने मिजो और अंग्रेजी में शिक्षण सामग्री तैयार की। वहीं, उनकी क्लासेस स्कूलों, सामुदायिक हॉल, YMA लाइब्रेरी और उनके घरों में आयोजित की गईं। फिर 2024-25 में फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी असेसमेंट टेस्ट (FLNAT) के दो दौर आयोजित किए गए। जिसमें 425 नए साक्षरों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) से प्रमाणित किया गया।
मिजोरम की इस उपलब्धि के पीछे कौन-सा राज?
मिजोरम की इस उपलब्धि के पीछे सामुदायिक सहयोग और मिजो संस्कृति में निहित 'त्लावमंगाइहना' (निस्वार्थ सेवा) की भावना का बड़ा योगदान रहा। इसके अलावा स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों ने भी अहम भूमिका निभाई। दूसरी तरफ, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने इस उपलब्धि को सभी पूर्ववर्ती सरकारों, शिक्षकों, और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा 'यह केवल एक आँकड़ा नहीं है। बल्कि मिजो समाज की दृढ़ता और प्रगति का प्रतीक है।' उन्होंने आगे कहा कि हमारा अगला लक्ष्य डिजिटल साक्षरता, वित्तीय जागरूकता, और उद्यमिता कौशल को बढ़ावा देना है।
केंद्र सरकार की उल्लास पहल
केंद्र सरकार की उल्लास पहल के तहत किसी भी राज्य को 95% से अधिक साक्षरता दर प्राप्त करने पर पूर्ण साक्षर घोषित किया जाता है। मिजोरम ने 2023-24 के पीरियडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के अनुसार 98.2% साक्षरता दर हासिल की, जिसमें पुरुषों की साक्षरता 99.2% और महिलाओं की 97% रही। यह उपलब्धि राष्ट्रीय औसत (77.7%) से कहीं अधिक है।
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