Israel के समर्थन में उतरा आया है UAE, सीरिया को जारी की चेतावनी
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध तेज हो गया है। वहीं संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी इजराइल के समर्थन में उतर आया है। इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध के बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सीरिया की असद सरकार को बड़ी चेतावनी दी है। UAEने बशर अल-असद की सरकार से इजरायल-हमास युद्ध में हस्तक्षेप न करने को कहा है। UAEने सीरियाई सरकार से यह भी कहा है कि वह अपने क्षेत्र का इस्तेमाल इजरायल पर हमला करने के लिए न होने दे।
मध्य पूर्व में अचानक आई अस्थिरता से अमेरिका बेहद चिंतित है। उसे यह भी डर है कि यह युद्ध लेबनान और सीरिया तक फैल सकता है और क्षेत्रीय संघर्ष में बदल सकता है। अमेरिका की प्रमुख न्यूज वेबसाइट ने अपनी एक रिपोर्ट में दो सूत्रों के हवाले से बताया है कि UAEने सीरिया को इजरायल के खिलाफ किसी भी तरह के हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी है।दो सूत्रों ने बताया कि UAEने उच्च स्तरीय सीरियाई अधिकारियों को यह चेतावनी भेजी है। सूत्रों ने बताया कि UAEने अमेरिका को भी सूचित कर दिया है कि उसने सीरिया को चेतावनी दी है।
UAE पिछले साल ही सीरिया से रिश्तों को किया था सामान्य
संयुक्त अरब अमीरात ने पिछले साल ही सीरिया के साथ अपने रिश्ते सामान्य किये थे। बशर अल-असद ने मार्च 2023 में UAEका दौरा भी किया था। UAEके प्रयासों के कारण ही सीरिया को फिर से अरब लीग में शामिल किया गया है। मध्य पूर्व के अधिकांश अरब देशों की तुलना में संयुक्त अरब अमीरात का सीरियाई सरकार पर अधिक प्रभाव है। माना जा रहा है कि इसी वजह से अमेरिका ने UAEसे सीरिया से बात करने को कहा है।
इस संबंध में जब UAEके एक अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने यह कहते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि वह निजी राजनयिक मुद्दों पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। सीरिया की ओर से भी इस पर कुछ नहीं कहा गया है।
'दुश्मन देश हमले का फायदा न उठाएं'
इससे पहले अमेरिका ने कुछ पश्चिमी देशों के साथ मिलकर एक बयान जारी कर चेतावनी दी थी कि इजरायल के दुश्मन देश हमास के हमले का फायदा उठाने की कोशिश न करें। अमेरिका ने फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन के साथ मिलकर सोमवार को एक संयुक्त बयान में कहा था, 'इजरायल के दुश्मन देशों के लिए इन हमलों (हमास हमलों) का फायदा उठाने का यह समय नहीं है।'
ट्रंप प्रशासन के दौरान UAEऔर इजराइल के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे
अन्य अरब देशों की तरह UAEने भी इजराइल को अलग-थलग करने की कोशिश में उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित नहीं किए। लेकिन साल 2020 में अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के प्रयासों से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए। UAEइजराइल के साथ संबंध स्थापित करने वाला पहला प्रमुख अरब देश था। तब से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं, जिसका एक प्रमुख कारक व्यापार है। दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर का व्यापार होता है।
इजराइल के साथ संबंध मजबूत करने के फायदे को देखते हुए UAEका यहूदी राज्य के प्रति रवैया धीरे-धीरे बदल रहा है। इजराइल-हमास (फिलिस्तीन का आतंकवादी संगठन) युद्ध को लेकर UAEकी ओर से जारी आधिकारिक बयान में हमास की निंदा की गई है।
UAEने तनाव के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया
शनिवार सुबह-सुबह हमास ने अचानक इजराइल पर हमला कर दिया और सैकड़ों की संख्या में हमास के आतंकी इजराइल में घुस गए। हमास के आतंकियों ने इजरायल में घुसकर इजरायली नागरिकों का अपहरण कर उन्हें बंधक बना लिया। सैकड़ों लोगों की बेरहमी से हत्या भी कर दी गई।
इसे लेकर UAEने कहा है कि ताजा तनाव के लिए हमास जिम्मेदार है। UAEके विदेश मंत्रालय ने रविवार देर रात एक बयान जारी कर कहा कि फिलिस्तीनी समूह हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए हमले बेहद गंभीर हैं और इससे काफी तनाव पैदा हो गया है। मंत्रालय ने हिंसा को ख़त्म करने और नागरिकों की सुरक्षा का आह्वान किया।
मंत्रालय ने कहा, गाजा पट्टी के पास इजरायली शहरों और गांवों के खिलाफ 'हमास' के हमले बेहद गंभीर हैं और इससे काफी तनाव पैदा हो गया है। हमास ने लोगों पर हजारों रॉकेट दागे और भारी गोलीबारी की। मंत्रालय ने कहा कि UAEउन रिपोर्टों से हैरान है कि इजरायली नागरिकों को उनके घरों से अपहरण कर लिया गया है और बंधक बना लिया गया है। UAEने अपने बयान में इजराइल के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है।
दोनों पक्षों से हिंसा समाप्त करने और तनाव कम करने का आह्वान करते हुए इस्लामिक देश ने आगे कहा, 'दोनों पक्षों के नागरिकों को हमेशा अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत पूर्ण सुरक्षा मिलनी चाहिए और उन्हें कभी भी संघर्ष का लक्ष्य नहीं बनाया जाना चाहिए।'
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