पंजाब यूनिवर्सिटी हमेशा से पंजाब की विरासत रही है- सीएम भगवंत मान
चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा के हिस्से को लेकर बड़ी बैठक से पहले सीएम भगवंत मान ने कहा कि आज एक गंभीर विषय पर बात रखनी है। पंजाब यूनिवर्सिटी हमेशा से पंजाब की विरासत रही है। 1970में हरियाणा के मुख्यमंत्री बंसी लाल ने इच्छा से इस पर हरियाणा का हिस्सा छोड़ दिया। आज 40 प्रतिशत हिस्सा पंजाब देता है जबकि 60 प्रतिशत केंद्र देता है। उसके बाद इसे सेंटर में शामिल करने की बाते हुई। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 26 अगस्त 2008को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस बारे में नो ऑब्जेक्शन की चिठी लिखी। जो कल मुझे कहते थे कि हरियाणा वालों से सावधानी से मिले।अब वो अकाली दल इस बारे में खुद को बाहर रखे।
जब हमारी सरकार बनी तो मैंने दो पत्र 8 मार्च 2022को ग्रह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे। जिसमे मैंने लिखा कि इसे सेंटर यूनिवर्सिटी बनाए जाने की कोशिश न की जाए। विधानसभा में 30जून 2022को रेसोलुशन पास किया कि पंजाब univesrsity इंटरस्टेट बॉडी ऐसे के ऐसे रहेगी। अगस्त 2022में कांग्रेस की एक महिला विधायक हरियाणा विधानसभा में एक प्रस्ताव लेकर आती है कि हरियाणा के कॉलेजो को पंजाब युनिवेर्सिटी में शामिल किए जाए।
पंजाब युनिवर्सिटी के साथ 175 कॉलेज है 30 कॉलेज यूटी के है।अब हरियाणा का सीनेट में कोई हिस्सा नही है। हरियाणा इसमें इनडाइरेक्ट एंट्री चाहता है। जिसके लिए हमने साफ मना कर दिया है। हरियाणा अपनी यूनिवर्सिटी पंचकूला या कहीं और बना लें। हमारी तरफ से इसके लिए साफ मना है। हम हरियाणा के छात्रों को यहाँ पढ़ाई के लिए नहीं रोकते जबकिं कई और राज्यों से भी छात्र यहां पढ़ाई के लिए आते है। सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाब की है और पंजाब की ही रहेगी।
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