मौत के 6 दिन, लेकिन अब भी जांच पर ब्रेक! लैपटॉप में छिपे IPS पूरन के आखिरी राज

Puran Kumar Suicide Case: हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में चंडीगढ़ पुलिस की जांच अब तकनीकी साक्ष्यों पर पूरी तरह टिकी हुई है। घटना को छह दिन हो चुके हैं, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और वह लैपटॉप जहां सुसाइड नोट टाइप किया गया था, अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। परिवार ने लैपटॉप सौंपने में अभी तक देरी की है, जिससे जांच में गंभीर बाधा आ रही है। विशेष जांच टीम (SIT) के अनुसार, बिना इन महत्वपूर्ण सबूतों के आगे की प्रक्रिया रुक सी गई है। पुलिस का मानना है कि यह मामला साधारण आत्महत्या से कहीं अधिक जटिल हो सकता है, और छिपे राज अभी भी अनकहा हैं।
लैपटॉप में छिपे रहस्य, पोस्टमॉर्टम पर सस्पेंस
परिवार द्वारा लैपटॉप न सौंपे जाने से पुलिस को नोट की प्रामाणिकता साबित करने में मुश्किल हो रही है। सूत्र बताते हैं कि लैपटॉप पर टाइप किए गए नोट और इससे भेजे ईमेल की फोरेंसिक जांच अहम होगी, जिसमें फिंगरप्रिंट विश्लेषण और ईमेल ट्रेसिंग शामिल है। इससे मौत से ठीक पहले की मानसिक स्थिति और बाहरी दबावों का पता चल सकेगा। दूसरी ओर, पोस्टमॉर्टम न होने से जांच पूरी तरह ठप है। SIT ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट मिलने के बाद ही फोरेंसिक और बैलिस्टिक परीक्षण आगे बढ़ेंगे। यदि परिवार सहमति नहीं देता, तो मैजिस्ट्रेट की उपस्थिति में जबरन पोस्टमॉर्टम कराया जा सकता है। PGI चंडीगढ़ की मेडिकल टीम इसे संभालेगी, जिसमें बैलिस्टिक विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। छह दिन बीतने से गनपाउडर जैसे नाजुक सबूत नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है, जहां पिस्तौल के खोखे और गोली के मिलान की जांच लंबित है।
कॉल रिकॉर्ड से मिले सुराग, पूछताछ तेज
इधर, पुलिस को पूरन कुमार के कॉल डिटेल रिकॉर्ड से कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। घटना से पूर्व उन्होंने कई वरिष्ठ अधिकारियों, वकील और परिचितों से गहन बातचीत की थी, जो तनाव या दबाव की ओर इशारा कर रही है। SIT अब इन सभी से विस्तृत पूछताछ करेगी ताकि यह पुष्टि हो सके कि क्या कोई बाहरी कारक इस कदम के पीछे था। अब तक पांच लोगों—घरेलू नौकरों और करीबियों—से गहन पूछताछ हो चुकी है। जल्द ही कुमार के गनमैन सुशील कुमार, जो रंगदारी मामले में जेल में बंद है, को भी हिरासत में लेकर सवाल किए जाएंगे। पुलिस का फोकस अब तकनीकी सबूतों को मजबूत करने पर है, ताकि मामले का पूरा सच सामने आ सके। यह घटना न केवल पुलिस बल के लिए झकझोरने वाली है, बल्कि प्रशासनिक हलकों में भी सवाल खड़े कर रही है
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