13 साल की भतीजी पर चाचा की हैवानियत, चाची के सहारे 2 साल बाद मिला इंसाफ

Himachal Pradesh Rape Case: कहा जाता है कि कलयुग में माता-पिता के अलावा कोई अपना नहीं होता। यह कहावत अब धीरे-धीरे सच साबित होती दिख रही है। हिमाचल प्रदेश के ऊना से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने चाचा-भतीजी के पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया। एक शख्स ने अपनी 13 साल की भतीजी के साथ बलात्कार किया। इस मामले में अब अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी को 25 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, विशेष अदालत ने बच्ची को धमकाने के लिए एक साल की अतिरिक्त सजा और 55,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न चुकाने पर एक महीने की अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया है।
चाचा बनी बच्ची की रक्षक
नवंबर 2023 में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। एक 13 वर्षीय बच्ची, जिसकी मां का देहांत हो चुका था, वो अपने पिता और चाचा केवल कृष्ण (43) के साथ रहती थी। पिता, जो पेशे से हलवाई हैं, काम में व्यस्त रहते थे, जबकि चाचा, एक प्लंबर, ने घर में अकेली बच्ची को बार-बार अपनी हवस का शिकार बनाया और उसे जान से मारने की धमकियां भी दीं। डर और दर्द से जूझती बच्ची ने लंबे समय तक चुप्पी साधे रखी, लेकिन जब तकलीफ असहनीय हो गई, तो उसने पड़ोस की चाची को अपनी पीड़ा बताई। चाची ने तुरंत उसे महिला थाने ले जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी चाचा को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया।
दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद मिला इंसाफ
हिमाचल प्रदेश के ऊना में 13 वर्षीय भतीजी के साथ बलात्कार के मामले में अदालत ने आरोपी चाचा को 25 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई, जो सामान्य 20 साल की अधिकतम सजा से अधिक है, क्योंकि अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखा गया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, यह मामला लगभग दो साल तक चला, जिसमें पुलिस ने पुख्ता सबूत और गवाह पेश किए, जिसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराया। निर्भया कांड के बाद बलात्कार के मामलों में कड़े कानून बनाए गए, लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, 3,58,749 दर्ज मामलों में केवल 5 अपराधियों को फांसी की सजा मिली। सख्त कानूनों के बावजूद, अपराधियों में कानून का भय कम दिखाई देता है, जिससे सजा की दर चिंताजनक रूप से कम बनी हुई है।
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