EC ने लिया बड़ा फैसला...एक्टिव हुए आर्थिक इंटेलिजेंस पैनल, चुनाव से पहले धन-शक्ति पर लगेगी रोक

Bihar Assembly Elections: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की ओर ले 6 साल बाद आर्थिक खुफिया समिति को दोबारा एक्टिव किया गया। जिससे आने वाले चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे, शराब और नशीले पदार्थों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मल्टी-डिपार्टमेंटल कमेटी ऑन इलेक्शन इंटेलिजेंस की बैठक शुक्रवार, 17 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित की गई।
उन्होंने कहा कि इससे पहले इस कमेटी की आखिरी बैठक 2019 में हुई थी। इस बैठक में कई प्रवर्तन एजेंसियों और केंद्रीय पुलिस बलों की रणनीति को और प्रभावी बनाने पर चर्चा की गई। शुक्रवार की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त एस.एस. संधू और विवेक जोशी शामिल हुए।
2014 में बनाई गई थी समिति
ये मल्टी-डिपार्टमेंटल कमेटी ऑन इलेक्शन इंटेलिजेंस को साल 2014 के आम चुनाव से पहले बनाया गया था। 2014 से 2019 के बीच ये समिति समय-समय पर सक्रिय रही, लेकिन इसके बाद औपचारिक बैठक नहीं हुई। हालांकि एजेंसियां आपस में समन्वय बनाकर चुनावों के दौरान धन-शक्ति पर निगरानी रखती आ रही हैं।
समिति में कई विभाग हैं शामिल
इस समिति में 17 विभाग और एजेंसियां शामिल हैं। जिनमें केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, सीमा शुल्क बोर्ड, राजस्व खुफिया निदेशालय, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो, भारतीय रिजर्व बैंक, फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, सशस्त्र सीमा बल, डाक विभाग और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को शामिल किया गया है।
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