तिरुपति के प्रसाद विवाद के बाद अब अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा के मंदिरों में हुए ये बदलाव, इन सामग्री को किया बैन

Prasad System Change in Uttar Pradesh: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू प्रसाद में कथित मिलावट को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसी विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मंदिरों में भी प्रसाद को लेकर अलर्ट देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या, प्रयागराज और मथुरा जैसे बड़े मंदिरों में प्रसाद व्यवस्था और नियमों में भी बदलाव की मांग की जा रही हैं।
अयोध्या मंदिर के मुख्य पुजारी ने बाहर की एजेंसियों से प्रसाद लेने पर बैन की मांग की है। तो वहीं, मथुरा मंदिर ने मिठाई की जगह फल-फूल प्रसाद के रूप में देने का फैसला किया है। इसी के साथ प्रयागराज के मंदिरों में भी प्रसाद वितरण में भी बदलाव किए गए है।
अयोध्या के पुजारी ने जताई चिंता
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले में अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी की शुद्धता पर चिंता जताई है। इसके साथ ही उन्होंने मंदिर के सभी पुजारियों से आग्रह किया है कि प्रसाद अपनी ही देखरेख में तैयार करवाएं जाए। साथ ही बाहरी एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए प्रसाद पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
मथुरा में मिठाई की जगह फल-फूल
वहीं, राधा-कृष्ण की नगरी मथुरा में भी मंदिरों से मिलने वाले प्रसाद के नियमों में बदलाव किए है। मथुरा की धर्म रक्षा संघ ने'प्रसादम' व्यंजनों की प्राचीन शैली पर वापस लौटने के अपने फैसले की घोषणा की है। यानी अब मिठाइयों की जगह फलों, फूलों और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों से बने प्रसाद भक्तों में वितरित किए जाएंगे। संघ ने कहा कि धर्म गुरुओं और संगठनों के बीच शुद्ध, सात्विक प्रसादम चढ़ाने और स्वीकार करने की पारंपरिक प्रथाओं पर लौटने पर सहमति बन गई है।
प्रयागराज के मंदिरों में किन चीजों पर लगा प्रतिबंध?
वहीं, संगम नगरी' प्रयागराज में भी मंदिरों की प्रसाद व्यवस्था पर कड़ी निगरानी करने पर जोर दिया है। कई मंदिरों ने भक्तों को प्रसाद के रूप में मिठाई और बाहर से तैयार अन्य वस्तुएं लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ललिता देवी मंदिर: मंदिर के मुख्य पुजारी शिव मूरत मिश्रा ने कहा कि प्रसाद व्यवस्था को सुधारने के लिए भक्तों से सिर्फ नारियल, फल और सूखे मेवे लाने का अनुरोध करने का निर्णय लिया है।
मनकामेश्वर मंदिर: मंदिर के महंत श्रीधरानंद ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि जांच में जब तक मिठाइयों की शुद्धता स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक उन्हें मंदिर में चढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अलोप शंकरी देवी मंदिर: मंदिर के मुख्य संरक्षक और श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव यमुना पुरी महाराज ने कहा कि मंदिर में भक्तों को बाहर से मिठाई और प्रसाद लाने की अनुमति नहीं होगी।
लखनऊ के मंदिर में क्या हुए बदलाव?
कुछ ऐसे ही बदलाव लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में भी देखने को मिले है। मंदिर ने भक्तों द्वारा बाहर से खरीदे जाने वाले प्रसाद पर प्रतिबंध लगा दिया है। भक्त अब घर का बना'प्रसाद' या फल चढ़ा सकते हैं।
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