Sharad Purnima 2023: 30 साल बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया, जानें कब और कैसे रखें चांद की रोशनी में खीर
Sharad Purnima 2023 : 28अक्टूबर यानी आज साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। ये चंद्र ग्रहण काफी खास होने वाला है क्योंकि ये चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लग रहा है। चंद्र ग्रहण के मौके पर रवि योग, बुधादित्य योग, शश योग, सिद्धि योग और सौभाग्य योग बन रहा है। साथ ही करीब 30साल बाद शरद पूर्णिमा के मौके पर चंद्र ग्रहण लग रहा है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की रौशनी पर जो खीर रखी जाती है वो कब और कैसे रखेंगे, बनाएंगे और खाएंगे।
सनातन धर्म में पूर्णिमा का काफी महत्व है। साल भर में 12 पूर्णिमा आती है उन सभी में सबसे खास अश्विन माह की पूर्णिमा मानी जाती है। इस दिन लोग खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखते हैं और भगवान को भोग लगाकर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हैं।
कैसे रखें खीर
वहीं इस बार पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया है। पूर्णिमा पर लगने वाला ये ग्रहण रात 1:05से शुरू होगा और 2:23पर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में पूर्णिमा पर खीर चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले बनाकर रख लें। खीर बनाने के बाद उसमें तुलसी दल डालकर रख दें। जब ग्रहण खत्म हो जाए तो खीर को चंद्रमा की रोशनी में रख दें। ग्रहण के दौरान खीर को आसमान के नीचे न रखें।
क्यों शरद पूर्णिमा है खास
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन ही भगवान श्री कृष्णा और राधा की दिव्य रासलीलाओं की शुरुआत हुई थी। इस दिन श्री कृष्ण ने 9लाख गोपियों के साथ अपने गोपों के रूप में ब्रिज में महारास रचाया था। यही वजह है कि इस दिन का विशेष महत्व माना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन चांद पृथ्वी के सबसे ज्यादा पास होता है और इस दिन यह 16कलाओं से निपुण होता है। इसकी रोशनी और ऊर्जा में पूरा आसमान डूबा हुआ दिखाई देता है।
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