ऑपरेशन सिंदूर के 7 महीने बाद पाकिस्तान ने किया बड़ा खुलासा, नूर खान एयरबेस पर भारतीय हमले की पुष्टि
Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच मई, 2025 में हुई छोटी लेकिन तेज सैन्य टक्कर एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह है पाकिस्तान का खुद का बयान। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार खुलकर स्वीकार किया है कि भारतीय हमलों में उनका अहम नूर खान एयरबेस क्षतिग्रस्त हुआ था। ये बयान भारत के ऑपरेशन सिंदूर के ठीक 7 महीने बाद सामने आया है।
दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव
मई, 2025 में भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ सटीक सैन्य कार्रवाई की थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा गया था। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से जवाबी कार्रवाई की, लेकिन इसके बाद भारत ने और ज्यादा मजबूत और प्रभावी हमला किया। भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बनाया। हालात बिगड़ते देख 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर हो गया।
डार ने बताया सच
अब इशाक डार के बयान से उस टकराव से जुड़े कई अहम सच सामने आए हैं। डार ने माना कि 10 मई की सुबह भारत ने रावलपिंडी के पास स्थित नूर खान एयरबेस, जिसे चकलाला एयरबेस भी कहा जाता है, पर हमला किया था। ये एयरबेस पाकिस्तानी वायुसेना के लिए बेहद अहम है और सैन्य मुख्यालय के पास स्थित है।
डार के अनुसार, इस हमले में एयरबेस की इमारतों को नुकसान पहुंचा और कुछ सैनिक घायल हुए। हालांकि उन्होंने नुकसान को सीमित बताया, लेकिन ये पहली बार है जब पाकिस्तान ने सार्वजनिक रूप से किसी बड़े सैन्य नुकसान को स्वीकार किया है। इससे पहले पाकिस्तान लगातार ये दावा करता रहा था कि भारतीय हमलों से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
कई एयरबेस को बनाया गया था निशाना
पाकिस्तान ने यह भी कहा कि भारत ने 36 घंटे में करीब 80 ड्रोन भेजे थे। इनमें से एक ड्रोन ने नूर खान एयरबेस को नुकसान पहुंचाया। साथ ही, ब्रह्मोस मिसाइल के इस्तेमाल की बात भी अब और मजबूत हो गई है। पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत ने नूर खान, रफीकी और मुरिद जैसे एयरबेस को निशाना बनाया था।
9 मई को हुआ था आपात बैठक
डार ने बताया कि 9 मई की रात प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में एक आपात बैठक बुलाई गई थी। भारत के हमलों से पाकिस्तान में डर और अफरातफरी का माहौल था। आखिरकार अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते सीजफायर करना पड़ा, जो सच पाकिस्तान पहले छुपाता रहा, वह अब उसके ही नेताओं के बयानों से सामने आ रहा है।
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