Odisha News: ओडिशा में पर्यावरणविद मेधा पाटकर हिरासत में, चौंकाने वाली वजह आई सामने
Odisha News: नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेता और प्रख्यात पर्यावरणविद मेधा पाटकर को आज ओडिशा के रायगड़ा जिले में पुलिस ने हिरासत में लिया। यह घटना काशीपुर के बककर सुंगेर हाटपदा में आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस के एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रही थीं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिजिमाली खनन परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना था। पुलिस ने उन्हें रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया और एक सुनसान स्थान पर ले जाकर कार्यक्रम में शामिल होने से रोक दिया।
क्या है मामला?
मेधा पाटकर जो पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय के लिए अपने आंदोलनों के कारण जानी जाती हैं। काशीपुर में सिजिमाली खनन परियोजना के खिलाफ स्थानीय समुदाय के साथ एकजुटता दिखाने आई थीं। यह खनन परियोजना लंबे समय से विवादों में है। क्योंकि स्थानीय लोग इसे पर्यावरण और उनकी आजीविका के लिए खतरा मानते हैं। पाटकर का इस कार्यक्रम में शामिल होना स्थानीप्रकृतिक सम्पदाओं के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था। लेकिल पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें हिरासत में लिया और कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने से रोक दिया।
पुलिस का बयान और विवाद
रायगड़ा पुलिस ने दावा किया कि मेधा पाटकर को हिरासत में लेना क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी था। जबकि इस कार्रवाई की व्यापक आलोचना हो रही है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। कुछ का कहना है कि यह कार्रवाई खनन लॉबी के दबाव में की गई। जो इस क्षेत्र में बिना किसी विरोध के परियोजनाओं को आगे बढ़ाना चाहती है।
मेधा पाटकर का योगदान
मेधा पाटकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक हैं और उन्होंने नर्मदा नदी पर बांधों के निर्माण के खिलाफ दशकों तक संघर्ष किया है। उनकी सक्रियता ने पर्यावरण संरक्षण और विस्थापित समुदायों के अधिकारों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। हाल ही में, वह केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुकी हैं, जहां उन्होंने पर्यावरणीय आपदाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम किया है।
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