मौत के 14 साल बाद अचानक घर लौटी महिला, जानें क्या है पूरा मामला

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के दमोह जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां 14 साल पहले लापता महिला की तेरहवीं उसके परिजनों ने यह सोचकर कर दी की वह अब जीवित नहीं है, लेकिन अचानक से उसके जीवित होने की जानकारी मिलने पर परिजन खुश होने से ज्यादा हैरान हो गए।
इस बात पर भरोसा करना मुश्किल हो गया, लेकिन जब घर की महिला को जीवित देखा तो परिजनों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा और दमोह की इमलिया पुलिस की मदद से वह वृद्ध महिला अपने घर आ सकी। मामला दमोह जिले के जबेरा थाना क्षेत्र के गैलपुरा गांव निवासी 60 वर्षीय महिला कमलरानी पति चंदू ठाकुर की 14 वर्ष पहले मानसिक हालत ठीक नही होने के चलते वह अचानक से लापता हो गई थी। परिजनों ने खोजबीन की पर सुराग नहीं लगा। तो परिजनों ने उसे मृत समझकर मृत आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं कार्यक्रम कर दिया। जबकि महिला जीवित थी और गुजरात के आश्रम में थी।
महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त है
महिला की खोज करने वाले तेजगढ़ थाना के इमलिया चौकी प्रभारी आनंद कुमार ने बताया कि जबेरा थाना क्षेत्र के ग्राम गैलपुरा निवासी कमलरानी पति चंदू ठाकुर मानसिक रूप सेकमजोर थी जो करीब 14 साल पहले लापता हो गईं थीं। परिवार के लोगों ने सभी जगह खोजबीन की, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। जिसके चलते उन्होंने उनकी आत्मशांति के लिए विधि-विधान से तेरहवीं भी कर दी थी। इसी बीच पिछले दिनों गुजरात के मानव ज्योति आश्रम द्वारा एक महिला की फोटो सोसल मीडिया पर जारी की गई। जिसमें बताया गया कि यह महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त है। जोस्वयं को दमोह जिले का रहना बता रही है।
परिजनों से मिली महिला
सूचना के आधार पर चौकी प्रभारी ने आश्रम से संपर्क किया महिला की फोटो मंगाई और जिले के सभी थाना क्षेत्र में पता किया गया। इस बीच पता चला कि वह महिला गैलपुरा गांव की रहने वाली है। गांव जाकर परिजनों से मुलाकात की और महिला की फोटो दिखाई जिसे उन्होंने पहचान लिया। इसके बाद परिजनों को गुजरात ले जाया गया। जहां आश्रम के लोगों ने महिला से एक एक कर परिजनों की पहचान कराई तो महिला ने भी अपने परिजनो को पहचान लिया। शुक्रवार की शाम महिला को दमोह लाया गया और परिजनों के सुपुर्द किया गया।
परिवार वालों ने पुलिस का किया धन्यवाद
परिजनों ने एएसआई आनंद अहिरवार को धन्यवाद दिया है। उनकी मेहनत की वजह से ही एक मां अपने बच्चों को मिल सकी। परिजन झल्लू ठाकुर ने बताया की वह उम्मीद छोड़ चुके थे इसलिए बड़ी मां की तेरहवीं भी कर दी थी, लेकिन एएसआई आनंद अहिरवार ने 14 साल पहले बिछड़ी उनकी मां को खोज लिया जिसके बाद परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा इस काम के लिए पूरा परिवार उनके लिए धन्यवाद देता है।
Leave a Reply