छत्रपति शिवाजी अस्पताल में 24 घंटे में 18 लोगों की मौत, महाराष्ट्र सरकार ने जांच के दिए आदेश

New Delhi:महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृहनगर ठाणे जिले के कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में एक ही रात में 18 मरीजों की मौत से हड़कंप मच गया है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कलवा के इस अस्पताल में राजनीतिक दलों के नेताओं की कतार लग गई है। नेता अस्पताल प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड, दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे ने भी अस्पताल का दौरा किया।
आपको बता दें कि, 2 दिन पहले भी इस अस्पताल में 5 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं आज 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 13.CUमें थे।इन मौतों में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है। केदार दिघे ने आरोप लगाया कि ठेकेदार यहां साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं। वहीं, मंत्री गिरीश महाजन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पिछले चार दिनों में अस्पताल में मरने वालों की संख्या 22 हो गई है। बताया जा रहा है कि इन मरीजों की मौत समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण हुई।
अस्पताल के डीन ने क्या कहा?
इस पूरे मामले पर इस अस्पताल के डीन ने भी मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने ये जानकारी दी है कि इतनी मौतें कैसे हुईं। डीन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत हुई है। इनमें से 6 मरीजों की मौत 24 घंटे के भीतर हुई है। कुछ लोगों की आधे घंटे के अंदर मौत हो गई। इनमें से कुछ मरीजों को बुखार और सांस लेने में दिक्कत थी। यहां कुछ मरीज गंभीर हालत में आये थे। एक रोगी को फटा हुआ अल्सर था। मरीज को उचित इलाज दिया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका।
अचानक बढ़ती जा रही है मरीजों की संख्या
500 बेड पर 600 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। हम कभी भी किसी मरीज को ना नहीं कहते। हम जानते हैं कि यहां आने वाले मरीज गरीब होते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि हम गंभीर मरीजों को नहीं बचा सके। हालाँकि, हम उनकी आखिरी सांस तक कोशिश कर रहे थे।' अचानक मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह सही है कि डॉक्टर पर्याप्त हैं लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़ने और मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण हम उन्हें बचा नहीं सके।
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