अब हर राज्य में शांति और अहिंसा विभाग बनाने की आवश्यकता: मुख्यमंत्री

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि धर्म और जाति की बजाय सत्य औरअहिंसा की राह पर आगे बढ़ते हुए लोकतंत्र को अधिक मजबूत बनाना होगा। उन्होंने कहा कि आज देश मेंतनाव का माहौल है। इसमें गांधी जी के सिद्धान्त ही सबसे ज्यादा प्रासंगिक हैं। इसी स्थिति में हमें सत्य,अहिंसा, शांति और सद्भाव को जीवन में अपनाकर देश की प्रगति में अहम भूमिका निभानी चाहिए। यही हमारीसंस्कृति का आधार भी हैं।
गहलोत झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में शांति एवं अहिंसा विभाग केगांधी दर्शन सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महात्मा गांधी जी के संदेशको घर-घर में पहुंचाने की दिशा में वर्ष 2022 में देश का पहला शांति एवं अहिंसा विभाग खोला है। इसी कड़ीमें गांधी दर्शन म्यूजियम और महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट, जिला शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ भी आगे बढ़ रहे हैं।गहलोत ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर आमजन को प्रेरित करने में गांधी प्रेरकों की महत्वपूर्णभूमिका रहेगी। यह प्रेरक ही हमारे देश की पूंजी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज संवैधानिक मूल्यों पर खतरामंडरा रहा है। हम सबको मिलकर संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में यकीन और संविधान में आस्था रखने वाले हर राज्य और केंद्रसरकार को भी शांति एवं अहिंसा विभाग बनाने की आवश्यकता है। गहलोत ने कहा कि वर्ष 2006 मेंतत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष 2 अक्टूबर (महात्मा गांधीजयंती) को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी देशों ने मिलकर पारितकिया। यह निर्णय भारत के लिए गौरवान्वित होने का अवसर रहा।
गांधी दर्शन पर शिविरों की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी दर्शन समिति एवं शांति और अहिंसा विभाग के माध्यम से राज्य, संभागऔर जिला स्तर पर गांधी के जीवन दर्शन पर आधारित प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। इससे लोगोंमें जागरूकता आएगी। इसी की आज सबसे ज्यादा जरूरत है।
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