कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, किसान उसकी आत्मा और पंजाब देश की खेती के प्राण है- शिवराज सिंह

PUNJAB NEWS: मक्का से समृद्धि की ओर थीम के साथ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज लुधियाना (पंजाब) स्थित भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) के प्रशासनिक-सह-प्रयोगशाला भवन का लोकार्पण किया। साथ ही, यहां मक्का उत्पादक किसानों व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के लाभार्थियों तथा महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों से संवाद भी किया।
पंजाब की धरती मक्के दी रोटी ते सरसों दे साग का स्वाद देती है। अब ये पुण्यभूमि आधुनिक कृषि विज्ञान से समृद्धि का नया स्वाद भी चखेगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने इसी भाव से लुधियाना में भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। यहां उन्होंने कहा कि मक्का उत्पादन बढ़े और हमारा मक्का दुनिया में धूम मचाए, इसके लिए हम मक्के की नई, उन्नत व उच्च उत्पादक किस्में विकसित कर रहे हैं। शिवराज सिंह ने कहा कि हम मक्के का उत्पादन और कैसे बढ़ा सकते हैं, इसके लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
किसानों की आय बढ़ाना हमारा मुख्य लक्ष्य है- शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन लागत कम करना, किसानों की आय बढ़ाना हमारा मुख्य लक्ष्य है। गेहूं-चावल की खेती में हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं, लेकिन कृषि में विविधता लाना बेहद जरूरी है। गेहूं व धान के बाद तीसरी सबसे बड़ी फसल मक्का है, जिसका उपयोग भोजन के अलावा कई अन्य कार्यों में भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि धान का मुकाबला केवल मक्का ही कर सकता है, जिससे पानी की बचत होगी, किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। इस दृष्टि से मक्का अनुसंधान संस्थान बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां किए जा रहे अनुसंधान मक्का उत्पादन को बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं।
हमें राजनीति नहीं, लोगों की सेवा करना है- कृषि मंत्री
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि हमें राजनीति नहीं, लोगों की सेवा करना है। केंद्र सरकार ने पंजाब में फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए गेहूं के बीज की मुफ्त आपूर्ति के लिए 74 करोड़ रुपये जारी किए हैं और सरसों सहित अन्य बीजों के लिए भी राशि मंजूर की गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत पंजाब के 11.09 लाख किसानों के खातों में 222 करोड़ रु. एडवांस जमा कराए जा चुके हैं। बागवानी क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई के लिए एमआईडीएच योजना से सहायता भेजी जाएगी। शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार, पंजाब की मदद के लिए हमेशा तैयार है। प्रधानमंत्री जी पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने पंजाब को 1600 करोड़ रु. का पैकेज दिया है, ताकि बाढ़ प्रभावित परिवारों का जीवन पटरी पर लौट सके।
केंद्रीय मंत्री चौहान ने पंजाब में बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त 36,703 घरों के पुनर्निर्माण के लिए प्रति परिवार 1.60 लाख रु. स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 1.20 लाख रु. मकान निर्माण और 40 हजार रु. मजदूरी व शौचालय निर्माण के लिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अपने देश में बनी वस्तुएं ही खरीदें। इससे स्थानीय कारीगरों को लाभ होगा, देश का पैसा देश में ही रहेगा और देश आर्थिक रूप से और समृद्ध होगा। हमें अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है, इसलिए अपने देश में बनी स्वदेशी वस्तुएं ही खरीदें।
शिवराज सिंह ने पंजाब की धरती को बारम्बार प्रणाम करते हुए कहा कि यह वो धरती है जब भी देश के दुश्मनों ने हमला किया तो सबसे पहले उस वार को अपने सीने पर झेलने वाला पंजाब रहा है। हमेशा देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाला जय जवान तो रहा ही, लेकिन जय किसान भी अगर कोई रहा तो पंजाब ही रहा, एक जमाना था जब अमेरिका का लाल पीएल 480 गेहूं खाते थे, भरपूर फसल नहीं होती थी देश को बाहर से मंगाना पड़ता था। हमारे एक प्रधानमंत्री ऐसे हुए थे, जिन्होंने कहा था हफ्ते में एक दिन खाओ ही नहीं, व्रत रखो क्योंकि उस समय उतना होता ही नहीं था लेकिन पंजाब के जमींदारों को, किसान भाइयों-बहनों ने देश के अन्न के भंडार भर दिए। देश में बाद में कृषि क्रांति हुई। सबसे पहले कृषि क्रांति करने वाला यह पंजाब, पंजाब के जमींदार दिन-रात मेहनत करने वाले, खून-पसीना एक करने वाले। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा और पंजाब देश की खेती के प्राण है।
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