पहलगाम से पाकिस्तानी जासूस CRPF जवान का निकला नाता! आतंकी हमले से 6 दिन पहले...

Pahalgam Terror Attack: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक सनसनीखेज मामले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान मोती राम जाट को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया है। जवान पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले से मात्र छह दिन पहले तक वहां तैनात था। इस खुलासे ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रहें हैं।
जासूसी का आरोप और गिरफ्तारी
मोती राम जाट जो CRPF की 116वीं बटालियन में सहायक उप-निरीक्षक (ASI) के पद पर तैनात था। 2023 से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (ISI) के लिए गोपनीय जानकारी लीक कर रहा था। NIA के अनुसार जाट ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को विभिन्न माध्यमों से भेजे, जिसके बदले उनको पैसे मिल रहे थे। उनकी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के बाद CRPF ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय कर जांच शुरू की, जिसके बाद दिल्ली में उनकी गिरफ्तारी हुई।
पहलगाम हमले से संबंध
जांच एजेंसियों को शक है कि मोती राम जाट द्वारा साझा की गई जानकारियों का उपयोग पहलगाम हमले में हो सकता है। हमले से ठीक छह दिन पहले उनका तबादला पहलगाम से दूसरी जगह किया गया था। जिसे अब जांच का एक महत्वपूर्ण पहलू माना जा रहा है। NIA यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह तबादला महज संयोग था या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा। सूत्रों के अनुसार, जाट ने सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर्स से संपर्क में थे।
CRPF की कार्रवाई और कोर्ट में पेशी
गिरफ्तारी के बाद CRPF ने मोती राम जाट को तत्काल बर्खास्त कर दिया। उन्हें दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जहां न्यायाधीश ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए 6 जून 2025 तक NIA की हिरासत में भेज दिया। कोर्ट ने UAPA की धाराओं 15, 16 और 18 के तहत मामला दर्ज करने कि सलाह दी। यह कहते हुए कि यह अपराध देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सीधा हमला है।
इस घटना ने CRPF और अन्य सुरक्षा बलों की आंतरिक निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती हैं। NIA अब यह जांच कर रही है कि क्या जाट किसी बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा था।
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