'125 सालों से जंजीरों में लिपटा…', दुनिया का वो इकलौता पेड़, जो आज तक काट रहा ब्रिटिश अधिकारी की दी हुई सजा
Ajab-Gajab: अगर इस दुनिया में की इंसान अपराध करता है तो उसके लिए जेल बनाई गई है और वहां तक ले जाने के लिए उसे जंजीर से बांधकर लेकर जाते है। लेकिन दुनिया में एक ऐसा पेड़ है जिसे जंजीरों से बांधा गया है। अब ऐसा क्यों किया गया है? इसके पीछे क्या कहानी है चलिए आपको इसके बारे में सबकुछ बताते है। बता दें कि ये पेड़ पाकिस्तान में मौजूद है।
125 सालों से जंजीरों में जकड़ पेड़
ये किस्सा शुरू होता है 125 सालों पहले। यहां तोरखन बॉर्डर के पास लैंडी कोटाल नाम की बस्ती में जेम्स स्किवड नाम का एक ब्रिटिश अधिकार रहता था। जो एक दिन नशे की हालत में दावा किया कि ये पेड़ उसके पकड़ में नहीं आता है। वह बार-बार भाग रहा है। इसके बाद अधिकारी ने अपने साथियों को ऑर्डर दिया कि वह इसे पकड़े। हालांकि साथियों ने उस पेड़ को गिरफ्तार कर लिया और जंजीरों से बांध दिया। क्योंकि अधिकार के आगे किसी की भी बोलने की हिम्मत नहीं थी। तब से आज तक पेड़ गिरफ्तार है और उसकी जंजीरें जस के तस हैं।
ब्रिटिश अधिकारी ने दिए थे बांधने के आदेश
वहीं इसको देखने आए तख्ती टूरिस्टों के इसकी कहानी समझाती है। इसके ऊपर लिखा है- आई एम अंडर अरेस्ट और बाकी की पूरा किस्सा भी डीटेल में लिखा है। लैंडी कोटाल वे पर खैबर राइफल्स ऑफिसर्स मेस के पास स्थित जंजीर में लिपटा पेड़ टूरिस्टों का बहुत ध्यान खींचता है। हालांकि स्थानीन लोग इस पेड़ को देश में ब्रिटिश शासन के अत्याचार का प्रतीक मानते है। वहीं इसको लेकर एक व्यक्ति का कहना है कि इस पेड़ के माध्यम से अंग्रेजों ने मूल रुप से आदिवासियों को जब बताया था कि यदि उन्होंने राज के खिलाफ कोई हिम्मत की तो उन्हें भी इसी तरह से दंडित किया जाएगा।
अपने विवादास्पद अतीत के बावजूद, पेशावर का जंजीरदार पेड़ एक महत्तवूर्ण मील का पत्थर बना हुआ है। जो इस क्षेत्र में बेहतर टूरिस्ट प्लेस है। वहीं 125 सालों से इस पेड़ को जंजीरों ने जकड़ रखा है। आज तक किसी व्यक्ति की हिम्मत नहीं हुई है कि इस पेड़ की जंजीरों को तोड़ सकें। अब ऐसा लोग क्यों नहीं करते है इसके बारे में तो कोई नहीं जानता।
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