India-USA टैरिफ वॉर के बीच अमेरिकी सलाहकार केविन हैसेट की चेतावनी, बोले- भारत पीछे नहीं हटा तो ट्रंप भी...
India-USA Terrif War: अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर पहुंच गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 50%टैरिफ लागू कर दिया है, जो बुधवार से प्रभावी हो गया। यह कदम भारत के रूसी तेल खरीदने और व्यापार वार्ताओं में देरी के जवाब में उठाया गया है।
व्हाइट हाउस के सलाहकार और नेशनल इकनॉमिक काउंसिल के डायरेक्टर केविन हैसेट ने चेतावनी दी कि यदि भारत अपने बाजार को अमेरिकी उत्पादों के लिए नहीं खोलेगा, तो ट्रंप अपना रुख और सख्त कर सकते हैं। हैसेट ने कहा, "अगर भारत पीछे नहीं हटता, तो राष्ट्रपति ट्रंप भी रियायत नहीं देंगे।" उन्होंने भारत पर बाजार खोलने में "अड़ियल रवैया" अपनाने का आरोप लगाया।
रूस और व्यापार वार्ता पर अमेरिकी दबाव
हैसेट ने भारत-अमेरिका संबंधों को "जटिल" बताते हुए कहा कि यह तनाव रूस पर दबाव बनाने की अमेरिकी रणनीति से भी जुड़ा है, ताकि यूक्रेन संकट में शांति समझौता हो सके। उन्होंने भारत के रूसी तेल खरीद को रूस के युद्ध को वित्तीय मदद देने वाला कदम बताया। अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ने पुष्टि की कि 6अगस्त के ट्रंप के कार्यकारी आदेश के बाद टैरिफ को 50%तक बढ़ाया गया है। हैसेट ने व्यापार वार्ताओं को लंबी प्रक्रिया बताते हुए कहा कि धैर्य को कमजोरी नहीं समझना चाहिए, और अंतिम समझौते तक उतार-चढ़ाव आएंगे।
आशावाद के बीच भारत की चुनौती
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने आशावाद जताते हुए कहा कि भारत और अमेरिका अंततः एक साथ आएंगे। उन्होंने Fox Business को बताया कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच शीर्ष स्तर पर अच्छे संबंध हैं, लेकिन भारत का रुख "दिखावटी" रहा है। बेसेंट को उम्मीद थी कि मई-जून तक व्यापार समझौता हो जाएगा, जो नहीं हुआ। भारत ने टैरिफ को "अनुचित" बताते हुए अपनी ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा का संकल्प लिया है।
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