कुट्टू के आटे ने 160 लोगों को किया बीमार, व्रत में खाने वाला भोजन बन गया जहरीला

Buckwheat Flour Causes Food Poisoning: मेरठ के रहने वाले 160 लोगों को मिलावटी कुट्टू का आटा खाने के बाद अस्पताल जाना पड़ा। कुट्टू के आटे को आमतौर पर कुट्टू कहा जाता है। यह कुट्टू से बना ग्लूटेन-मुक्त आटा है, जो फाइबर और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स से भरपूर होता है। नवरात्रि या किसी व्रत में ये आटा लोग ज्यादा खाते हैं।
कुटटू का आटा क्या है?
बता दें कि यह चावल की एक प्रजाति है, जो ठंडे और पहाड़ी इलाकों में उगाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम फैगोपाएरम-एफक्यूलैंटम है। इसमें प्रोटीन बहुत मात्रा में होती है। इसे स्टोर करके रखना या इसमें मिलावट करना नहीं चाहिए। ऐसा करने से स्टोर करने से नमी हो सकती है और फंगस लग सकते हैं। बता दें कि यह काफी हेल्दी होता है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या फलाहार में खाया जाने वाला कट्टू का आटा भी खतरनाक हो सकता है। इसे खरीदने या इस्तेमाल से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
कट्टू का आटा बन सकता है खतरनाक
स्वास्थ्य विशेषज्ञ के मुताबिक, कुट्टू आटे को खाकर बीमार पड़ने की सबसे बड़ी वजह हो सकती है। या तो आटे में कुछ खराब चीज मिलाई गई हो या फिर आटा एक्सपायर्ड हो गया हो। इसमें बैक्टीरिया या फंगस पैदा हो गया हो। एक्सपर्ट्स के अनुसार, कुट्टू के आटे को करीब छह महीने तक ही स्टोर करके रखा जाता है। इससे ज्यादा समय से रखा आटा खाना खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए कभी भी पुराना कट्टू के आटे का सेवन नहीं करना चाहिए। वरना तबीयत बिगड़ सकती है। लिहाजा ख्याल रखना चाहिए कि कु़ट्टू को घर में पीसकर ही आटा बनाना चाहिए।
सही कुट्टू के आटे की पहचान क्या?
सबसे पहले कु़ट्टू के आटे को जब भी खरीदें तो पहले उसका रंग देख लें। खराब कट्टू के आटे का रंग बदलने लगता है। सूंघने पर अगर आटे से दुर्गंध आ रही है तो न खरीदें। आटा अगर गूथते समय बिखर रहा हो या ज्यादा चिकना हो रहा है तो समझ जाएं कि इसमें मिलावट किया गया है। फाइबर ज्यादा होने की वजह से कुछ लोगों को इस आटे को खाने के बाद पेट दर्द, अपच, सूजन या गैस की दिक्कतें हो सकती है। कुछ लोगों को इस आटे से एलर्जी भी हो होगी।
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