तुर्किये ने एक फिर UN में उठाया कश्मीर का मुद्दा, राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा- ‘संवाद से शांति करें स्थापित’
UN: तुर्किये ने एक फिर यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाया है। ये मुद्दा तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के स्तरीय 78वें सत्र में उठाया। एर्दोगन ने महासभा की आम बहस के दौरान कहा ‘भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद तथा सहयोग के जरिये कश्मीर में न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति की स्थापना कर दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता तथा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।’
एर्दोगन ने कही ये बात
एर्दोगन ने आगे कहा, ‘तुर्किये इस दिशा में उठाए गए कदमों का समर्थन करना जारी रखेगा।एर्दोगन ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी और 15 ‘‘अस्थायी’’ सदस्यों को स्थायी सदस्य बनाने के पक्षधर हैं। तुर्किये के राष्ट्रपति ने यूएनजीए सत्र में कहा, ‘भारत और पाकिस्तान ने 75 साल पहले संप्रभुता और स्वतंत्रता हासिल करने के बाद भी आपस में शांति एवं सद्भाव कायम नहीं किया है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उम्मीद और प्रार्थना करते हैं कि कश्मीर में उचित और स्थायी शांति एवं समृद्धि स्थापित हो।’
इसके पहले भी कर चुका है समर्थन
गौरतलब है कि इसके पहले भी तुर्किये कश्मीर के मुद्दे में पाकिस्तान का समर्थन कर चुका है। इसके पहले यूएनएचआरसी की बैठक में भी एर्दोगन ने कहा था कि कश्मीर का मुद्दा सुलझाना चाहिए। तुर्किए का कहना था कि कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद माहौल खराब हो गया। उन्होंने कहा था कश्मीर में 80 लाख से ज्यादा लोग कैद हैं जिन्हें राज्य से से बाहर जाने की परमिशन नहीं है। उसने भारत के खिलाफ जाकर यूएनजीए में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ वोट किया था। वहीं उस दौरान भारत ने दो टूक जवाब देते हुए कहा था कि वह हमारे आंतरिक मामलों से दूरी बनाए रखें।
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