ईरानी परमाणु संयंत्र में रेडियोएक्टिव रिसाव का बढ़ा खतरा, IAEA ने जताई चिंता, तेहरान ने दिया जवाब
Israel vs Iran: इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु संयंत्रों पर किए गए हवाई हमलों ने मध्य पूर्व देश में तनाव को और बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने दावा किया है कि नतांज परमाणु सुविधा पर हमले से रेडियोधर्मी रिसाव हो रहा है। जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक चिंता बढ़ गई है। लेकिन ईरान ने इन दावों को खारिज करते हुए इसे "इजरायल और पश्चिमी देशों की साजिश" करार दिया है।
हमले का विवरण और IAEA का बयान
शुक्रवार 13 जून 2025 को इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत ईरान की राजधानी तेहरान, नतांज, इस्फहान, और फोर्डो में परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने के लिए आवश्यक था।" IAEA ने कहा की नतांज सुविधा को निशाना बनाया गया। और प्रारंभिक जांच में रेडियोधर्मी रिसाव की संभावना जताई। IAEA प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा "हम ईरानी अधिकारियों और अपने निरीक्षकों के साथ रेडिएशन स्तर की निगरानी कर रहे हैं। यह स्थिति पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है।
तेहरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने IAEA के दावों को सिरे से खारिज किया। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा "यह रिसाव का दावा इजरायल और उसके सहयोगियों का प्रचार है जिसका मकसद हमारे शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को बदनाम करना है। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की और इजरायल के खिलाफ कुचल देने वाली प्रतिक्रिया की धमकी दी। ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई ने कहा "हमारी सेना इजरायल को सबक सिखाएगी।"
नुकसान और निराशा
हमलों में ईरान के छह शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी सहित कई सैन्य अधिकारी मारे गए। तेहरान में 78 लोगों की मौत और 329 के घायल होने की खबर है। नतांज सुविधा को भारी नुकसान पहुंचा। जिसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम का दिल माना जाता है।
वैश्विक प्रतिक्रियाएं
संयुक्त राष्ट्र ने मध्य पूर्व में सैन्य कार्रवाई की निंदा की और संयम बरतने की अपील की। अमेरिका ने स्पष्ट किया कि वह इस हमले में शामिल नहीं था। जबकि सऊदी अरब और पाकिस्तान ने इजरायल की कार्रवाई को संप्रभुता का उल्लंघन बताया। जानकारों का मानना है कि यह टकराव क्षेत्रीय युद्ध को भड़का सकता है। ईरान ने जवाबी हमले में इजरायल पर 100 से अधिक ड्रोन्स दागे जिससे तनाव और बढ़ गया है। वैश्विक समुदाय स्थिति पर नजर रखे हुए है।
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