चेन्नई में प्रियंका गांधी की हुंकार, कहा- 'महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू हो, महिलाओं के पास अब बर्बाद करने के लिए समय नहीं

Priyanka Gandhi : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने डीएमके के महिला अधिकार सम्मेलन को संबोधित किया। संबोधित करते हुए उन्होंने महिला आरक्षण बिल पर बात की। प्रियंका गांधी ने बिल को तुरंत लागू करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने अपने पिता राजीव गांधी की हत्या के बारे में भी बात की।
प्रियंका गांधी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा,मैं महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग करती हूं। उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाओं के पास अब समय बर्बाद करने का वक्त नहीं है। प्रियंका ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, कि आज से 32साल पहले जब मैं तमिलनाडु आई और यहां उतरी तो हम सब लोग रात के अंधेरे में डूब चुके थे। हर किसी के मन में डर था। कुछ घंटे पहले मेरे पिता की हत्या हुई थी। उस रात मैंने अपने मां सोनिया गांधी से कुछ ऐसा कहा, जिसे सुनकर वह काफी दुखी हुईं। उन्होंने बताया कि जब मैं अपने पिता के शरीर के हिस्से इकट्ठा कर रही थी, तो मुझे कोई डर नहीं था। मैं उस वक्त बिल्कुल अकेले थी।
महिलाओं ने कभी न कभी किया अभाव का सामना
प्रियंका गांधी ने बताया कि किस तरह नीली साड़ी पहने हुईं स्त्रियों के झुंड ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने कहा कि मेरी मां को बांहों में भरकर वे स्त्रियां रोने लगीं। दर्द की साझेदारी के उन आंसुओं ने मुझे तमिलनाडु की मां-बहनों के साथ जोड़ दिया। उन्होंने आगे कहा, मैं यह बताने आई हूं कि हम स्त्रियां शक्ति हैं, इस आत्मसम्मानी और खूबसूरत राष्ट्र की, जिसे हम अपनी मातृभूमि कहते हैं।
प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि देश की महिलाओं ने कभी न कभी अभाव का सामना किया है। वंचना और तकलीफ को सह जाने की असीम क्षमता के दम पर हमने सब कुछ को अपने तप और इच्छाशक्ति से निभाया है। उन्होंने आगे कहा कि मैं आपसे कहना चाहती हूं कि हम इससे कहीं ज्यादा हैं। अपने महादेश को विकास के पथ पर ले जाने वाली कार्यशक्ति हैं हम। बेहतर भविष्य के सपने को आंखों और दिलों में संजोये लाखों-करोड़ों नवयुवतियां भी हम ही हैं।
महिला आरक्षण बिल पर की बात
प्रियंका गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर बात करते हुए कहा, मैं महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग करती हूं। भारत की महिलाओं के पास अब बर्बाद करने के लिए समय नहीं है। राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होना हमारा अधिकार है। उन्होंने कहा कि मैं मांग करती हूं कि हमारे 'स्वत्व' का महत्व समझा जाए और अपने सशक्तिकरण के लिए एक राजनीतिक शक्ति के रूप में हमारे महत्व का सम्मान किया जाए।
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular

Leave a Reply