भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत... थरूर का गुस्सा देख कोलंबिया ने बदला सुर, आतंकवाद पर भारत को मिला खुला समर्थन

Operation Sindoor: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक मंच पर अपनी कूटनीतिक ताकत का बेहद शानदार प्रदर्शन किया है। कोलंबिया जो पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में हुए हताहतों पर शोक व्यक्त कर चुका था। अब भारत के साथ आतंकवाद विरोधी रुख का खुला समर्थन किया है। यह सब कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया में पाकिस्तान के चेहरे को बेनकाब किया और वहां की सरकार को सच से रूबरू करवाया। भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने कोलंबिया की सरकार और विपक्षी दल के नेताओं से भी मुलाकात की कांग्रेस सांसद शशि थरूर के प्रतिनिधिमंडल का परिणाम है, जिसने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को बेनकाब कर भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को रेखांकित किया।
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। जिसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर किया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और (PoK) के नौ आतंकी ठिकानों को बुरी तरह से नष्ट किया। जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमले की कोशिश की लेकिन भारत ने इसे नाकाम कर 11 पाकिस्तानी वायुसेना ठिकानों को भी नष्ट कर दिया।
शशि थरूर की कूटनीति का असर
शशि थरूर ने बोगोटा में कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो के साथ बैठक में भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट किया। शशि थरूर ने कहा "हमें कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से निराशा हुई थी। क्योंकि उन्होंने आतंकवाद के पीड़ितों के बजाय पाकिस्तान में हुई मौतों पर शोक जताया।" उनकी सख्त आपत्ति के बाद कोलंबिया ने अपना बयान वापस लिया और भारत के आतंकवाद विरोधी रुख के समर्थन में एक नया बयान जारी करने का वादा किया। थरूर की इस प्रभावी कूटनीति का असर हुआ और कोलंबिया ने 30 मई को अपना शोक संदेश वापस ले लिया। कोलंबिया ने अब भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन करते हुए कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। यह भारत की वैश्विक कूटनीतिक रणनीति की बड़ी जीत है। जिसके तहत सात प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में भारत का पक्ष रख रहे हैं।
वैश्विक मंच पर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति
थरूर ने अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया की अपनी यात्रा के दौरान भारत के आत्मरक्षा के अधिकार और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूती से पेश किया। उन्होंने न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में कहा “हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन आतंकवादियों को जवाब देना हमारा अधिकार है।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारत की सैन्य ताकत और कूटनीतिक चतुराई को साबित किया है। जापान, रूस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने भी भारत के इस अभियान का समर्थन किया है। भारत की यह जीत भारत की वैश्विक छवि को और मजबूत करती है, जो अब आतंकवाद के खिलाफ एकजुट और निर्णायक रुख के लिए जाना जा रहा है।
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