रॉबर्ट वाड्रा पर ED की बड़ी कार्रवाई, 58 करोड़ की अवैध कमाई का आरोप
Robert Vadra Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रविवार 10 अगस्त को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बड़ा कदम उठाया है। ED ने आरोप लगाया है कि वाड्रा ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में एक जमीन सौदे से 58 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की थी। यह राशि उनकी दो कंपनियों, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (SLHPL) और ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (BBTPL) के माध्यम से प्राप्त की गई। जिसका इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने से लेकर अपने कारोबारी कर्ज चुकाने तक में किया।
मालूम हो कि इस मामले में ED ने 17 जुलाई को दिल्ली की एक विशेष PMLA अदालत में वाड्रा और मामले से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जिसके बाद राउस एवेन्यू कोर्ट ने 02 अगस्त को वाड्रा सहित 11 आरोपियों को नोटिस जारी किया। वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ED की जांच के अनुसार, यह मामला 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन के सौदे से संबंधित है। जांच एजेंसी का दावा है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से यह जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी, लेकिन बिक्री पत्र में गलत जानकारी दी गई। ED का कहना है कि वास्तविक सौदा 15 करोड़ रुपये का था। इस सौदे को ED ने एक रिश्वत लेनदेन माना, जिसमें वाड्रा ने तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के प्रभाव का उपयोग कर ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज को आवासीय परियोजना के लिए लाइसेंस दिलवाया।
इसके बाद, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने उक्त जमीन को 2012 में रियल एस्टेट कंपनी DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। ED का आरोप है कि इस सौदे से प्राप्त 58 करोड़ रुपये में से 53 करोड़ रुपये स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और 5 करोड़ रुपये ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग के माध्यम से वाड्रा को हस्तांतरित किए गए। इन फंड्स का उपयोग कथित तौर पर अन्य अचल संपत्तियों को खरीदने, निवेश करने और वाड्रा की विभिन्न समूह कंपनियों की देनदारियों को चुकाने में किया गया।
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