मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर्स की अटेंडेंस पर केंद्र सख्त, अपना लिया ये फॉर्मूला

Doctor Attendance APP: मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर्स की अटेंडेंस पर केंद्र सरकार ने अब सख्ती बरती है। केंद्र ने आदेश दिया है जिसके मुताबिक अब डॉक्टरों को अपनी अटेंडेंस के साथ लोकेशन भी भेजना अनिवार्य होगा। इस संबंध में सरकार ने डॉक्टर्स की अटेंडेंस के लिए फेस आधारित आधार प्रमाणीकरण ऐप भी तैयार किया है। सभी डॉक्टरों से कहा गया है कि वो जल्द से जल्द अपने मोबाइल फोन में इस ऐप को इन्स्टॉल कर लें और अब इसी के जरिए अपनी अटेंडेंस लगाएं। डॉक्टरों को ये आदेश भी दिया गया है कि वो हॉस्पिटल पहुंचने के बाद अटेंडेंस के लिए तैयार किए गए ऐप में अपनी सेल्फी भी अपलोड करें। माना जा रहा है कि सेल्फी के साथ ही डॉक्टरों की लोकेशन भी अटैच हो जाएगी। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने सख्त लहजा अख्तियार करते हुए 20 अप्रैल तक सभी मेडिकल कॉलेजों से उनके अस्पतालों की जीपीएस लोकेशन शेयर करने को भी कहा है।
क्या है ऐप की खासियत?
अटेंडेंस के लिए इस ऐप को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये हॉस्पिटल प्रेमेसिस के 100 मीटर के दायरे से बाहर होने की स्थिति में अटेंडेंस को कैंसिल कर देगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 24 अप्रैल से मोबाइल ऐप एक्टिव हो जाएगा। ऐप को इन्स्टॉल करने के बाद इसे आधार कार्ड से भी लिंक करना जरूरी होगा। आदेश दिया गया है कि एक मई से मोबाइल ऐप के जरिए लगाई गई अटेंडेंस को ही वैलिड माना जाएगा।
कितनी अटेंडेंस है जरूरी?
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी मेंबर्स की 75 प्रतिशत अटेंडेंस को अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही कॉलेज के टाइम पर प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी रोक लगा दी है। उम्मीद लगाई जा रही है कि इस ऐप और सख्त रूल के बाद अटेंडेंस में वृद्धि होगी। माना जा रहा है कि नियमों का पालन न करने वालों पर सख्त एक्शन लिया जा सकता है।
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