क्यों हो रहा वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी
Vaishno Devi Ropeway Project:श्री माता वैष्णो देवी में प्रस्तावित रोपवे परियोजना के खिलाफ पिट्ठू, पालकी और घोड़ा संचालकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इन संचालकों का आरोप है कि रोपवे के चालू होने से पारंपरिक यात्रा मार्ग बंद हो जाएगा, जिससे उनकी आजीविका पर गंभीर असर पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें "चोर" करार दिया।
बता दें कि, प्रदर्शनकारी शुक्रवार से हड़ताल पर हैं, और यह हड़ताल अब दूसरे दिन भी जारी है। उन्होंने श्री माता वैष्णो देवी बोर्ड के दफ्तर और श्रीधर चौक के पास विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि अगर रोपवे परियोजना शुरू हो जाती है, तो पारंपरिक यात्रा मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाएगा। इससे पिट्ठू, पालकी और घोड़ा संचालकों की रोज़ी-रोटी संकट में पड़ जाएगी।
स्थानीय व्यापारियों का समर्थन
प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पुराना दारूड़ क्षेत्र के व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि इस परियोजना से केवल यात्रा सेवा संचालक ही प्रभावित नहीं होंगे, बल्कि स्थानीय दुकानदारों की कमाई भी संकट में पड़ जाएगी।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग
प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे उग्र प्रदर्शन करने को भी तैयार हैं। उनकी मुख्य मांग है कि सरकार रोपवे परियोजना का फैसला तुरंत वापस ले, ताकि पारंपरिक यात्रा मार्ग सुरक्षित रहे और उनकी आजीविका पर कोई संकट न आए।
श्रद्धालुओं को हो रही परेशानियां
प्रदर्शन के कारण माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं को पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को पैदल चलने में काफी कठिनाई हो रही है। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार इस परियोजना पर पुनर्विचार करे और श्रद्धालुओं की परेशानियों को देखते हुए कोई समाधान निकाले।
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