पैर छूना माना जाता है अशुभ! ऐसी स्थितियों में भूलकर भी ना छूएं बड़ों-बुजुर्ग के पैर

Hindu Tradition: भारतीय संस्कृति में बड़ों के पैर छूना शुभ माना जाता है। कहा जता है कि बच्चों को बड़ों के पैर छुने से जो आशीर्वाद मिलता है वो किसी भी पुण्य करने से नहीं मिलता है। हालांकि लड़कियों को बड़ों के पैर छुने से मना किया जाता है जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती है। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे बातें बताने जा रहे है जिस मामले में बड़ों के पैर नहीं छूने चाहिए।
दरअसल सनातन धर्म में पैर छूने की परंपरा सदियों से चलती आ रही है। इस परंपरा का पालन हर कोई करता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार, कुछ ऐसी स्थितियां है जिनमें बड़ों के पैर छूना नहीं चाहिए। ऐसा करने से अशुभ माना जाता है।
ऐसी स्थिति में ना छूएं पैर
मंदिर- कहा जाता है कि मंदिर में बड़ों के पैर छूने नहीं चाहिए क्योंकि मंदिर ईश्वर का वास स्थान होता है और जहां ईश्वर का स्थान होता है वहां ईश्वर से बड़ा कोई नहीं होता है। यानी सबसे ज्यदा सम्मान ईश्वर को दिया जाता है। ऐसे में अगर बड़ों का आशीर्वाद लिया जाता है तो इसे अशुभ माना जाता है।
श्मशान- इसके बाद श्मशान की आती है। श्मशान से लौटते या जाते समय किसी के पैर नहीं छूने चाहिए। इससे अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि श्मशान से लौचते समय व्यक्ति अशुद्ध होता है और ऐसे में उनकी पैर नहीं छूने चाहिए। स्नान करने बाद आप पैर छू सकते है।
पूजा कर रहे व्यक्ति- पूजा करते इंसान के भी पैर नहीं छूने चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से उनकी पूजा में भंग आ सकते है जिस सही नहीं माना जाता है। ऐसे में आप पूजा समाप्त होने का इंतजार कर सकते है।
सोया हुआ व्यक्ति- अगर कोई भी व्यक्ति सोया हुआ है तो उसके भी पैर नहीं छूने चाहिए। क्योंकि सोते हुए इंसान का आशीर्वाद लेने से उसकी उम्र कम हो जाती है। हालांकि अगर कोई व्यक्ति विस्तर से उठ नहीं पाता उसी का आप पैर छू सकते है। या फिर आप उससे हाथ जोड़कर प्रणाम कर सकते है।
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