1 करोड़ का मुआवजा, सरकारी नौकरी; महापंचायत ने हिंदू सगंठनों ने भरी हुंकार

Palwal Mahapanchayat: बीते 31 जुलाई को नूंह में हुई सामुदायिक हिंसा को लेकर रविवार को पलवल के पौंडरी गांव में हिन्दू संगठनों द्वारा सर्वजातीय 52 पालों की महापंचायत का आयोजन किया। जिसमें बृजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। जिसमें मृतकों को एक करोड़ रुपये मुआवजा व परिजनों को एक सरकारी नौकरी वहीँ घायलों को 50 हजार मुआवजा देने के अलावा हिंसा में हुई क्षति की पूर्ति की मांग रखी गयी है। इतना ही नहीं पंचायत में फैसला हुआ है की इस हिंसा से संबंधित जो मुकदमा नूंह दलित में विचाराधीन है। उसकी सुनवाई किसी अन्य अदालत में हो। इतना ही नहीं पंचायत के माध्यम से फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान के खिलाफ कर गिरफ्तार करने की भी मांग की गयी।
पंचायत की अध्यक्षता कर रहे 52 पाल के प्रधान अरुण जेलदार ने महापंचायत में लिए गए। निर्णयों के बारे में बताते हुए कहा कि इस यात्रा में प्रदेश और देश के अन्य स्थानों से यात्रा में हिस्सा लेने के लिए लोग आये थे। जो शांतिपूर्ण तरिके से अपनी यात्रा निकाल रहे थे परन्तु उनके साथ हिंसा हो गई। इसलिए अब उन लोगों की हिम्मत नहीं हो रही कि वो न्याय और सुनवाई के लिए मेवात आ सकें इसलिए अदालती कार्रवाई कहीं और होनी चाहिए।
मेवात को पूर्णतया गौ हत्या मुक्त बनाया जाये
सर्वजातीय महापंचायत के माध्यम से हम सबकी मांग है की मेवात को पूर्णतया गौ हत्या मुक्त बनाया जाये क्योँकि जो भी दंगा या हिंसा हुई है वो सब गौ हत्या की वजह से है। आगामी 28 अगस्त को प्रस्तावित पुनः जलाभिषेक यात्रा पर अरुण जेलदार ने कहा की हर वर्ष यह जलाभिषेक होता आ रहा है जो अबकी बार अधूरा रह गया जो अवश्य पूरा होना चाहिए इसके लिए सभी को मदद कर शिवजी का जलाभिषेक जो हर वर्ष सावन महीने में होता है करना चाहिए। मुस्लिमों को पंचायत में न बुलाने के सवाल पर प्रधान ने कहा की आयोजक कमेटी ने पंचायत का आयोजन इसलिए किया था की वो अपनी व्यथा बता सकें की उनके साथ क्या हुआ था उसी के अनुरूप पंचायत में लोग बुलाये गए थे।
उपद्रवियोंसे होनी चाहिए नुकसान की भरपाई
आयोजकों ने पंचायत की मांगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया की इस हिंसा में जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई उपद्रवियों से होनी चाहिए। साथ ही पूरे मामले की जांच एनआईए से कराई जाये और पलवल नूंह के हिन्दुओं को हथियारों के लाइसेंस दिए जाएं। पंचायत में मौजूद किसान नेता रत्न सिंह सौरोत ने कहा की नूंह के जिले के दर्जे को समाप्त किया जाये और आरएएफ व एचपीए की टुकड़ी नूंह में परमानेंट स्थापित किया जाये। इस दौरान पलवल सोहना और गुरुग्राम में दर्ज हुए मुकदमों को जल्द रद्द किया जाये। इस महापंचायत में इनसे अलग भी कई अन्य निर्णय लिए गए।
31 जुलाई को भड़की थी हिंसा
आपको बता दें की 31 जुलाई को नूंह में उस समय साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गयी थी। जब कुछ हिन्दू संगठनों द्वारा जलाभिषेक यात्रा निकल रही थी तभी दो समुदाओं में आपसी हिंसा हो गयी। जो जिसकी चिंगारी न केवल मेवात बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों तक भी गई। जिसमें जहां करीब एक दर्जन लोगों की जानें गई। वहीँ सम्पत्ति का भी भारी नुकसान हुआ।
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