Rajasthan Election: राजस्थान में कांग्रेस की हार के क्या हैं मुख्य कारण? शुरुआती रुझानों में BJP ने बनाई 36 की बढ़त

Rajasthan Election: राजस्थान चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करती दिख रही है। BJP106 सीटों पर आगे चल रही है। ताजा रुझानों के मुताबिक सत्तारूढ़ कांग्रेस 70 सीटों पर आगे है। शुरुआती रुझानों में BJPने 36 सीटों पर कांग्रेस पर बढ़त बना ली है। ताजा रुझान राज्य में कांग्रेस की सत्ता से विदाई के संकेत दे रहे हैं। इस जनादेश का कारण क्या है? अगर कांग्रेस हार रही है तो इसके पांच कारण क्या हैं?
1- गुटबाजी
चुनाव से कुछ महीने पहले तक कांग्रेस गुटबाजी से जूझती नजर आ रही थी। सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान का असर कार्यकर्ताओं पर भी पड़ा, जिससे जनता के बीच गलत संदेश गया। हालांकि, चुनाव से ठीक पहले दोनों नेता यह संदेश देते नजर आए कि हम साथ हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
जहां कांग्रेस गुटबाजी से जूझती रही, वहीं BJPने अंदरूनी कलह को बेहतर तरीके से संभाला। दोनों पार्टियों ने सीएम चेहरे की घोषणा नहीं की, लेकिन कांग्रेस की ओर से सीएम अशोक गहलोत ही अघोषित सीएम चेहरा थे। वहीं, गुटबाजी पर काबू पाने के लिए BJPने न सिर्फ वसुंधरा राजे को सीएम चेहरा घोषित करने से परहेज किया, बल्कि बड़े नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारा। नतीजा ये हुआ कि नेताओं ने अपनी साख बचाने के लिए उस सीट पर दबाव बनाया और इसका सकारात्मक असर आसपास की सीटों पर भी पड़ा।
2- चुनाव मोदी बनाम गहलोत हो गया
राजस्थान का चुनाव मोदी बनाम गहलोत बनना भी कांग्रेस के लिए महंगा साबित हुआ। पीएम मोदी के चेहरे ने कांग्रेस की जातीय जनगणना की चाल की धार भी कुंद कर दी। पीएम मोदी ने जहां राजस्थान में ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां कीं, वहीं कांग्रेस के प्रचार का बोझ सीएम गहलोत के कंधों पर ज्यादा नजर आया। राहुल गांधी जब चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरे तो यह भी महज़ खानापूर्ति ही लग रही थी। चुनाव पूरी तरह से मोदी बनाम गहलोत हो गया और इसका फायदा भी BJPको मिला।
3-कन्हैयालाल हत्याकांड का पड़ा भारी असर
राजस्थान चुनाव में BJPने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड का मुद्दा खूब उठाया। BJPकी ये रणनीति कारगर भी होती दिख रही है। उदयपुर मारवाड़ क्षेत्र में आता है। राजस्थान की राजनीति में कहा जाता है कि जो मेवाड़ जीतता है, वही राजस्थान जीतता है। अगर BJPको जीत मिलती दिख रही है तो इसके पीछे कन्हैयालाल हत्याकांड के साथ-साथ कानून-व्यवस्था के मुद्दे की भी अहम भूमिका मानी जा रही है।
4- लुभावनी योजनाओं का बड़ा पेपर लीक
चुनावी साल में अशोक गहलोत की सरकार ने एक के बाद एक चुनावी चाल चली। उन्होंने चिरंजीवी योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा की सीमा बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का वादा किया। पेपर लीक, लाल डायरी और भ्रष्टाचार के आरोपों ने सस्ते गैस सिलेंडर समेत कई लुभावनी योजनाओं पर ग्रहण लगा दिया।
5- विद्रोहियों ने लगाई सेंध
कांग्रेस की हार के पीछे बागियों को भी बड़ा कारण माना जा रहा है। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर कई नेताओं ने पार्टी से बगावत कर दी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे। कुछ ने BJPऔर अन्य पार्टियों के टिकट पर भी चुनाव लड़ा। इन बागियों ने कांग्रेस को भी नुकसान पहुंचाया है। इसके उलट BJPने हर बागी को मनाने की जिम्मेदारी बड़े नेताओं को दी और उन्हें मनाने की पूरी कोशिश की। कई बागी मान गए और इसका फायदा BJPको मिलता दिख रहा है।
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