China AI Hospital: चीन में बना दुनिया का पहला AI हॉस्पिटल, लोगों को मिलेंगी हेल्थ सुविधाएं
First AI Hospital in China: आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लगभग हर इंडस्ट्री में अपना कमाल दिखा रही है। वहीं, चीन की राजधानी बीजिंग में दुनिया का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हॉस्पिटल बन चुका है। पिछले साल स्टैनफोर्ड का AI टाउन इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया था। जिसमें 25 एजेंट रहते थे और सामाजिक मेलजोल करते थे। जो वास्तविक जीवन के वेस्टवर्ल्ड जैसा था। वहीं, अब चीनी रिसर्चर्स ने एक AI हॉस्पिटल टाउन डेवलप किया है।
दुनिया का पहला AI हॉस्पिटल
चीन की राजधानी बीजिंग में दुनिया का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हॉस्पिटल बन चुका है। इस हॉस्पिटल का नाम ‘एजेंट हॉस्पिटल’ है। जिसे शिंघुआ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने तैयार किया है। इस हॉस्पिटल में 14 एआई डॉक्टर्स और 4 नर्स मौजूद है। ये डॉक्टर्स रोजाना 3 हजार से ज्यादा मरीजों का वर्चुअल इलाज करने की क्षमता रखते है। इस हॉस्पिटल के AI डॉक्टर्स को बीमारियां पहचानने, लोगों का इलाज करने, नर्स को मरीजों का रोजाना सपोर्ट करने के मकसद से डिजाइन किया गया है। इस सिस्टम को सबसे पहले मेडिकल यूनिवर्सिटीज में मदद के लिए उपयोग किया जाएगा।
AI हॉस्पिटल की मदद से मिलेंगी हेल्थ सुविधाएं
AI के रिसचर्स का कहना है कि ये एआई डॉक्टर्स विश्व में किसी भी तरह की महामारी फैलने और उनके इलाज के संदर्भ में भी सूचना देने में सक्षम है। रिपोर्ट के अनुसार, AI हॉस्पिटल ने अमेरिकी मेडिकल लाइसेंसिंग के परीक्षा के सवालों को 93.6 फीसदी एक्यूरेसी के साथ जवाब दिया हैं। इस फ्यूचरिस्टिक वर्चुअल हॉस्पिटल से मेडिकल स्टूडेंट्स को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। इनकी मदद से ज्यादा लोगों तक हेल्थ सुविधाएं पहुंचाई जा सकेंगी।
हेल्थ सेक्टर का नया इनोवेशन
हाल ही में चीनी रिसर्चर्स ने एक इंटरव्यू में हेल्थ सेक्टर में किए गए इस इनोवेशन के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि AI हॉस्पिटल का कॉन्सेप्ट मरीजों के इलाज के लिए एक नई पहल है। यह पहल सिर्फ मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए ही नहीं बल्कि आम जनता दोनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगी।
कई लोगों के इलाज में मिलेगी मदद
सिंघुआ युनिवर्सिटी के रिसचर्स ने "एजेंट हॉस्पिटल" नाम का AI हॉस्पिटल विकसित किया है। इस वर्चुअल वर्ल्ड में, सभी डॉक्टर, नर्स और मरीज लार्ज भाषा मॉडल (एलएलएम)-बेस्ड इंटेलिजेंट एजेंट्स के जरिए एक-दूसरे से बातचीत कर पाएंगे। न के इस प्रयास से कई लोगों के इलाज में मदद मिलेगी।
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