अमेरिका के 'गोल्डन डोम' की गूंज पूरी दुनिया सुनेगा, क्या S-400 से आगे निकलने में होगा सफल?

Golden Dome Missile Defence System; अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में 'गोल्डन डोम' मिसाइल रक्षा प्रणाली की घोषणा की। जिसे उन्होंने बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइलों के खिलाफ अमेरिका का अभेद्य सुरक्षा कवच बताया। ट्रंप ने दावा किया कि ये मिसाइल रक्षा प्रणाली दुनिया के सबसे उन्नत रक्षा तंत्रों में से एक है। यह प्रणाली तीन साल में पूरी तरह चालू हो जाएगी और इसे 175अरब डॉलर की लागत से बनाया जाएगा।
वहीं, दूसरी तरफ रूस का S-400ट्रायम्फ पहले से ही दुनिया की सबसे प्रभावी वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है। जिसे भारत, चीन, और तुर्की जैसे देशों ने अपनाया है। लेकिन गोल्डन डोम S-400से कैसे अलग है?
अमेरिका की नई रक्षा प्रणाली
बता दें, गोल्डन डोम को ट्रंप प्रशासन ने एक ऐसी प्रणाली के रूप में प्रस्तुत किया है, जो न केवल पारंपरिक हवाई खतरों जैसे बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों को नष्ट कर सकती है। बल्कि हाइपरसोनिक मिसाइलों और अंतरिक्ष से आने वाले खतरों को भी रोक सकती है। यह प्रणाली सैटेलाइट-आधारित निगरानी नेटवर्क पर काम करती है। जो मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है।
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