Haryana Elections 2024: BJP ने चुनाव में मनोहर लाल से क्यों बनाई दूरी? कांग्रेस को होगा इससे फायदा!

Haryana Assembly Polls 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी इन दिनों अपने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कन्नी काटती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि बीजेपी ने चुनाव से पहले मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल से दूरी बना ली है। तो क्या मनोहर लाल और बीजेपी के संबंधों में खटास आ गई है। क्या बीजेपी को ये डर सताने लगा है कि अगर वो चुनाव में मनोहर लाल को आगे बढ़ाती है तो इससे उसे नुकसान हो सकता है। और अगर ऐसा नहीं है तो फिर मनोहर लाल बीजेपी के मंच पर नजर क्यों नहीं आ रहे हैं। ऐसा क्या हुआ कि पीएम मोदी हरियाणा में चुनाव प्रचार के लिए आते हैं लेकिन मनोहर लाल को प्रधानमंत्री की सभाओं से दूर रखा जाता है। बीजेपी आखिर अपने सीनियर नेता की अनदेखी क्यों कर रही है। इसके पीछे वजह चुनाव है या फिर कुछ और। इस वीडियो में हम बीजेपी और मनोहर लाल के बीच बढ़ती दूरियों के बारे में ही चर्चा करेंगे।
हरियाणा की सियासत को करीब से समझने वालों की माने तो मनोहर लाल से बीजेपी की दूरी की सबसे बड़ी वजह इंटी इनकंबेंसी का डर है। यही वजह है कि मनोहर लाल अभी तक पीएम मोदी की सभाओं में मंच पर नजर नहीं आए हैं। बीजेपी पीएम की सभाओं से मनोहर लाल को दूर रखकर एंटी इनकंबेंसी से बचना चाहती है। इतना ही नहीं मनोहर लाल को हरियाणा में बीजेपी के पोस्टर में भी जगह नहीं दी गई है। जबकि, वह प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने लगभग साढ़े 9साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली है।
क्या है मनोहर लाल से बीजेपी की दूरी की वजह?
बताया जा रहा है कि मनोहर लाल जिस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री थे उस दौरान उन्होंने कुछ ऐसे फैसले लिए तभी से हरियाणा की जनता उनसे खासा नाराज बताई जा रही है। यही वजह है कि बीजेपी चुनाव में मनोहर लाल के साथ मंच साझा करने से बचती नजर आ रही है। इसके अलावा मनोहर लाल के कुछ बयान भी इस समय हरियाणा चुनाव में बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। हाल ही हिसार में एक कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद एक युवक ने मनोहर लाल के सामने ही कहा कि इस बार हिसार में बीजेपी विधायक हारेगा, जिसपर मनोहर लाल बुरी तरह से भड़क गए और कहा कि इसकी हिम्मत कैसे हुई? ये कहते हुए उन्होंने युवक को सभा से बाहर निकलवा दिया। इससे कुछ दिन पहले ही मनोहर लाल ने कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दिया था जिसे सैलजा ने ठुकरा दिया। इससे भी बीजेपी की काफी किरकरी का सामना करना पड़ा था।
सीएम रहते लिए फैसले जनता को नहीं आए रास!
बतौर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कई ऐसे फैसले लिए जिसने हरियाणा की जनता काम आसान करने की बजाय उन्हें और भी मुश्किल बना दिया। मनोहर लाल ने कई सरकारी सेवाओं के पोर्टल लॉन्च कर दिए, जिसकी वजह से आम जनता को खासा दिक्कत का सामना करना पड़ा और उनके खिलाफ जनता की नाराजगी बढ़ती चली गई । यही वजह रही कि बीजेपी ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव से 6महीने पहले ही मनोहर लाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया। बीजेपी ने बाद में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया। और मनोहर लाल सरकार के दौरान लिए गए कई फैसलों को दुरुस्त किया। अब बीजेपी उन गलतियों से सबक लेकर चुनाव में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं। 5 अक्टूबर को 90 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे और 8 अक्टूबर को चुनाव का रिजल्ट घोषित होगा। ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि मनोहर लाल से बीजेपी की दूरी उसे चुनाव में फायदा पहुंचाती है या फिर अपने वरिष्ठ नेता की अनदेखी बीजेपी पर भारी पड़ती है।
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