Uttarkashi Tunnel Collapse: हीरो बनकर निकले रैट होल माइनर मुन्ना कुरेशी, ऐसे की सुरंग से मजदूरों को निकालने में मदद
Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी के सिलक्यारा में 17 दिन से फंसे मजदूर मंगलवार को सही सलामत निकाल लिए गए। पीएम मोदी ने सभी मजदूरों से वर्चुअली बात की और सभी मजदूरों को शुभकामनाएं दी। रेस्क्यू टीम की कड़ी मेहनत और अथक प्रयास की हर तरफ तारीफ हो रही है। इस ऑपरेशन के हीरो रैट होल माइनर मुन्ना कुरेशी निकले। ऐसे मे आज हम आपको मुन्ना कुरेशी के बारे में बताएंगे।
मुन्ना कुरैशी की उम्र 29 साल है। मुन्ना रैट होल माइनिंग के लिए काम करते हैं। मुन्ना दिल्ली की ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विस कंपनी में काम करते हैं, जो सीवर और पानी की लाइनों को साफ करती है। वो उन दर्जनों रैट-होल माइनर्स में से एक थे, जिन्हें सोमवार को आखिरी 12मीटर मलबा हटाने के लिए उत्तराखंड लाया गया था।
रैट-होल माइनिंग था अंतिम सहारा
गौरतलब है कि अमेरिका की ऑर्गर मशीन के खराब हो जाने के बाद सुरंग से निकाले जाने के बाद रैट-होल माइनिंग बचाव अभियान का अंतिम सहारा था। बता दें, रैट-होल माइनिंग छोटे-छोटे गड्ढे खोदकर कोयला निकालने का एक तरीका है, लेकिन अवैज्ञानिक होने के वजह से साल 2014 में इसे कोयला निकालने के तरीके के रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
तालियां बजाकर बढ़ाया उत्साह
मुन्ना कुरेशी ने बताया कि उन्होंने मंगलवार शाम को आखिरी चट्टान हटाई और 41 फंसे हुए श्रमिकों को देखा। मजदूरों ने मुझे गले लगाया, तालियां बजाकर उत्साह बढ़ाया और मुझे बहुत धन्यवाद किया। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए NDRF के आने से पहले माइनर्स आधे घंटे तक वहां रुके हुए थे। मोनू कुमार, वकील खान, फिरोज, परसादी लोधी और विपिन राजौत अन्य खनिक थे जो इतने कठिन ऑपरेशन को पूरा करने के बाद फंसे हुए लोगों तक पहुंचने में कामयाब रहें।
दुनिया
देश
कार्यक्रम
राजनीति
खेल
मनोरंजन
व्यवसाय
यात्रा
गैजेट
जुर्म
स्पेशल
मूवी मसाला
स्वास्थ्य
शिक्षा
शिकायत निवारण
Most Popular
Leave a Reply