सरकारी बंगला बचाने की जद्दोजहद में राघव चड्ढा, अदालत के फैसले के खिलाफ पहुंचे हाई कोर्ट
Raghav Chadha: आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा बीते दिनों अपनी शादी को लेकर सुर्खियों में छाए हुए थे वहीं राघव चड्ढा एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल, इन दिनों राघव चड्ढा अपने बंगले को लेकर चर्चा में छाए हुए हैं। राघव चड्ढा को टाइप 7 बंगले को खाली करने की नोटिस मिली है।
नोटिस के खिलाफ राघव चड्ढा ने पहले दिल्ली की अदालत में याचिका डाली थी जहां से उन्हें झटका मिलने के बाद अब आप सांसद ने हाई कोर्ट का रुख किया है। याचिका को चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की पीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी।
राघव चड्ढा ने वकील ने दी ये दलील
राघव चड्ढा के वकील ने कहा कि संसद सदस्य को एक नोटिस दिया गया और बंगला खाली कराने की कार्यवाही जारी है। उन्होंने इससे पहले कहा कि निचली अदालत की ओर से रोक लगायी गई थी लेकिन इसे अब हटा लिया गया है। दिल्ली की पटियाला हाऊस अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में बदलाव करते हुए कहा था कि राघव चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद्द होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में सरकारी बंगले पर कब्जा कायम रखने का पूर्ण अधिकार है।
कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
गौरतलब है कि इससे पहले 5 अक्टूबर को आए आदेश में जज ने कहा था कि यह तर्क कि एक बार संसद सदस्य को दिया गया आवास सदस्य के पूरे कार्यकाल के दौरान किसी भी परिस्थिति में रद्द नहीं किया जा सकता है, खारिज करने योग्य है। कोर्ट ने कहा कि सरकारी आवास का आवंटन सांसद को दिया गया विशेषाधिकार है और आवंटन रद्द होने के बाद भी कब्जा जारी रखने का उन्हें अधिकार नहीं है।
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