नक्सली गणेश का हुआ एनकाउंटर...चार माओवादियों ढेर, प्रमुख नेता सहित हथियार बरामद
Naxal Encounter: ओडिशा में सुरक्षाबलों ने गुरुवार, 25 दिसंबर को एक संयुक्त एंटी-नक्सल अभियान में चार माओवादियों को ढेर कर दिया। ये अभियान विशेष खुफिया जानकारी मिलने के आधार पर चलाया गया। ऑपरेशन में कुल 23 टीमें तैनात की गई थीं, जिनमें 20 स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीमें, दो सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की टीमें और एक बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की टीम शामिल थी। ये टीमें कंधमाल जिले के चकापाड़ पुलिस स्टेशन क्षेत्र और गंजाम जिले की सीमा के पास रंभा जंगल में तैनात की गई थीं।
चार माओवादियों के शव बरामद
सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच ऑपरेशन के दौरान कई बार गोलीबारी हुई। पूरे इलाके की तलाशी लेने के बाद चार माओवादियों के शव बरामद किए गए, जिनमें दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। साथ ही, मौके से दो INSAS राइफल और एक 303 राइफल भी जब्त की गई। बरामद किए गए माओवादियों में से एक की पहचान गणेश उइके के रूप में हुई है। वह केंद्रीय समिति का सदस्य और ओडिशा में माओवादियों का प्रमुख नेता था। गणेश उइके राज्य का सबसे वांछित माओवादी नेता था और उसके सिर पर 1.1 करोड़ रुपये का इनाम रखा गया था।
3 माओवादियों की नहीं हुई पहचान
बाकी 3 माओवादियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। ओडिशा पुलिस ने बताया कि ये अभियान राज्य में वामपंथी उग्रवाद को रोकने और शांति बनाए रखने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। पुलिस ने कहा कि गणेश उइके के मार गिराए जाने से माओवादियों की संगठनात्मक क्षमता को बड़ा झटका लगेगा। उनका कहना है कि यह ऑपरेशन भविष्य में होने वाले नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करेगा।
बरामद हथियारों की हो रही जांच
अधिकारियों ने ये भी बताया कि इलाके में नक्सली गतिविधियों पर नजर बनाए रखने और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भविष्य में और भी संयुक्त अभियान चलाए जाएंगे। साथ ही, माओवादियों से बरामद हथियारों और अन्य सामग्री की जांच की जा रही है ताकि उनके नेटवर्क और योजनाओं का पता लगाया जा सके।
माओवादियों के खिलाफ सख्त हुई सरकार
स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों की कार्रवाई की सराहना की है और कहा कि इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बढ़ेगी। अधिकारियों का कहना है कि माओवादियों के खिलाफ ये कदम राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आम जनता को सुरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस अभियान से ये संदेश भी जाता है कि ओडिशा सरकार और सुरक्षा बल माओवादियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं और किसी भी तरह की उग्रवादी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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