बंद होने जा रही है ये सरकारी योजना? केंद्र सरकार जल्द करने वाली है समीक्षा

Central Government To Review Scheme: अगले महीने यानी अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू होने वाला है। बताया जा रहा है कि नए वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही केंद्र सरकार कुछ सरकारी योजनाओं की समीक्षा करने वाली है। जिसमें खर्च, फंड्सय के उपयोग और योजना के परिणाम को पर चर्चा होगी। ये रिव्यू नए वित्त आयोग के साइकिल से पहले हर पांच साल में किया जाता है।
योजनाओं की समीक्षा करने का उद्देशय योजनाओं को समाप्त करना और फंड्स के उपयोग को सुनिश्चित करना होता है। ईडी की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है ति वैल्यूएशन में कई पैरामीटर शामिल होंगे। जिसमें यह भी शामिल है कि क्या कोई योजना अपने उद्देशय को पूरा कर रही है या समान राज्य-स्तरीय योजनाओं के साथ ओवरलैप कर रही है।
नीति आयोग को दिया गया निर्देश
विभाग ने नीति आयोग से उन क्षेत्रों की पहचान करने को भी कहा है। जहां राज्य की योजनाए केंद्र प्रायोजित योजनाओं के समान है। आधिकारीक थिंक टैंक अप्रैल तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है। जिसमें वित्त आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले योजनाओं को उनके मौजूदा स्वरूप में जारी रखने, संशोधित करने, बढ़ाने , घटाने या बंद करने की आवश्यकता पर सिफारिशें होंगी। अधिकारी ने कहा कि व्यय विभाग वित्त विभाग के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले आयोग और विभिन्न मंत्रालयों से फीडबैक पर विचार करेगा।
केंद्र सरकार की टॉप-10 योजनाओं वाला बजट
अगर केंद्र सरकार की उन योजनाओं की बात करें, जिनमें सबसे ज्यादा खर्च होते हैं, तो उसमें मनरेगा में 86,000 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। जल जीवन मिशन पर 67,000 करोड़ , पीएम किसान पर 63,500 करोड़, पीएम आवास योजना रूरल पर 54,832करोड़, सम्रग शिक्षा पर 41,250, नेशनल हेल्थ मिशन पर 37,227 करोड़, पीएम आवास योजना अर्बन पर 23,294 करोड़, मोडिफाइड इंट्रस्ट सबवेंशन स्कीम पर 22,600 करोड़, सक्षम आंगनवाड़ी एंड पोशन योजना पर 21,960 और न्यू इंप्लॉयमेंट जेनरेशन स्कीम योजना पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं।
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